नीमच। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ मध्य प्रदेश मध्यान भोजन सांझा चुल्हा रसोईया संघ के प्रदेश अध्यक्ष संगीता ओमप्रकाश सिंह बघेल के मार्गदर्शन व प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर 1 अगस्त से संपूर्ण नीमच जिले में मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ीयो में सुबह का नाश्ता एवं भोजन प्रदाय करने वाले स्व सहायता समूह एवं रसोईया बहनों की चूल्हा बंद हड़ताल विगत 10 दिनों से निरंतर जारी है।
प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ जिला नीमच की अध्यक्ष माया मनोहर बैरागी , एवं पिंकी संजय शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि नीमच जिले में लगभग 850 महिला स्व सहायता समूह है जिसमें से लगभग 80प्रतिशत विद्यालयों व आंगनवाड़ी में भोजन नहीं मिल पाया। वेदांता समूह में लगभग 2200 महिलाएं कार्यरत है। स्व सहायता समूह की महिला अपने अपने रसोई घर के बाहर 12 सूत्री मांगों का पत्र चिपका कर प्रदर्शन किया गया।ताकि शासन प्रशासन तक यह सूचना पहुंच सके कि स्व सहायता समूह की मांगों का शीघ्र निराकरण किया जाए। हड़ताल के दसवें दिन विद्यालय में वैकल्पिक व्यवस्था व्यवस्था के रूप में सेव परमल वितरण कर बच्चों को राहत दिलाने का प्रयास शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया।आंगनवाड़ी में भी सेव परमल से काम चलाने का प्रयास किया गया कहीं-कहीं भोजन और नाश्ते के अभाव में बच्चे भूख भूखे रहे।
उन्होंने बताया कि समूह संगठन की आवश्यक मांगों के संबंध में कई बार पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना मध्य प्रदेश शासन के आयुक्त भोपाल को तथा प्रदेश शासन के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मनासा आगमन पर तथा मध्य प्रदेश शासन के लघु मध्यम उद्यम विज्ञान कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को जावद प्रवास पर ज्ञापन देकर मांगों के संबंध में अवगत करवा दिया गया है किंतु शासन द्वारा अभी तक इनकी मांगों के ऊपर कोई विचार नहीं किया गया और मात्र 66 प्रति कार्य दिवस पर रसोईया विद्यालय में भोजन बनाने का कार्य कर रहा है जो कि महिला उनका आर्थिक शोषण है महिला रसोईया की मांग है कि उन्हें कम से कम 6000 मासिक मानदेय दिया जाए एवं महंगाई को देखते हुए भोजन पकाने की लागत राशि बढ़ाई जाए। यदि निर्धारित समय पर स्व सहायता समूह मजदूरों की मांगे नहीं मानी गई तो स्वयं सहायता समूह अनिश्चित हड़ताल पर जारी रखने को मजबूर होंगे।