डेस्क। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी द्वारा दूसरी सूची जारी की गयी, जिसमे मंदसौर संसदीय क्षेत्र के शेष नामो की घोषणा हो गयी। ज्ञात हो की मंदसौर नीमच जावरा संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा में वर्तमान में आठों सीटों पर भाजपा काबिज हैं और क्षेत्र को भाजपा के गड़ के रूप में माना जाता हैं। ऐसे में इस बार कांग्रेस ने 2018 विधानसभा के चुनाव में जिन उम्मीदवारों को चुनाव लड़वाया था, उनमे से अधिकांश को फिर से मौका दिया हैं सिर्फ दो सीटे ऐसी हे जिनमे उनके क्षेत्र बदल दिए हैं। ज्ञात हो कि नरेंद्र नाहटा 2018 में मंदसौर से उम्मीदवार थे, इस बार इन्हे मनासा से उतारा गया, वहीं 2018 में उमराव सिंह गुर्जर मनासा से उम्मीदवार थे इस बार इन्हे नीमच से उतारा गया हैं।
वहीं बात करे नये चेहरों की तो कांग्रेस ने कोई विशेष बदलाव नहीं किया हैं। 5 सीटों पर पुराने चेहरे है तो 2 पर नये चेहरों को मौका मिला हैं। जिनमे मंदसौर से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विपिन जैन, एवं जावरा से हिम्मत श्रीमाल का नाम शामिल हैं। वहीं बात करे जावद विधानसभा क्षेत्र की तो वहां से इस बार कांग्रेस ने समंदर पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया हैं। ज्ञात हो कि समंदर पटेल 2018 में कांग्रेस के बागी उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं और बाद में इन्होने सिंधिया के साथ भाजपा की सदस्यता ले ली थी, लेकिन विगत दो माह पूर्व ही पुनः कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेकर आज कांग्रेस पार्टी से टिकिट प्राप्त करने में कामयाब हो गए। अब देखना होगा की कांग्रेस के उम्मीदवार तय होने के बाद क्या, भाजपा भी बची हुई सीटों पर उन्ही चेहरों के साथ मैदान में उतरेगी जो वर्त्तमान में विधायक हैं या फिर नये चेहरों को मौका देगी। वैसे भाजपा भी अभी तक संसदीय क्षेत्र की 8 सीटों में से 4 सीटों पर तो पुराने चेहरों के साथ ही मैदान में हे, शेष 4 सीटे, नीमच, मनासा, गरोठ, और जावरा पर नाम 21 अक्टुम्बर तक तय होने की संभावना हैं।
इनके बिच है सीधा मुकाबला-
जावद विधानसभा से- मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा पांचवी बार मैदान में हैं। इनके सामने कांग्रेस से समंदर पटेल हैं। देखा जाये तो सकलेचा भाग्य के धनी हैं क्यों की बीते सभी चुनावो में यहाँ कांग्रेस को कांग्रेस ने ही हराया हैं और इसका लाभ हर बार सकलेचा को मिला हैं। लेकिन इस बार सकलेचा की मुश्किलें थोड़ी बढ़ती दिखाई दे रही है क्यों की, इस बार बागी उम्मीदवार कांग्रेस से नहीं भाजपा से खड़े होने की संभावना हैं।
मंदसौर विधानसभा से- बात करे मंदसौर विधानसभा क्षेत्र की तो, यहाँ से प्रदेश भाजपा प्रवक्ता और मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया मैदान में हैं इस बार इनका मुकाबला कांग्रेस के नये उम्मीदवार विपिन जैन से, अब देखना होगा की क्या कांग्रेस को यहाँ चेहरा बदलने का लाभ मिल पाता है या नहीं।
मल्हारगढ़ विधानसभा से- मल्हारगढ़ विधानसभा से क्षेत्र से प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा मैदान में हैं और इनके सामने कांग्रेस से परशुराम सिसोदिया हैं ज्ञात हो की 2018 के चुनाव में भी यहीं जोड़ी चुनाव लड़ी थी और सिसोदिया चुनाव हार गए थे, अब देखना होगा की क्या इस बार सिसोदिया, देवड़ा के इस विजय रथ को रोक पाते है या नहीं।
सुवासरा विधानसभा से- वहीं बात करे सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की तो वहां से भाजपा ने मंत्री डंग को मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने फिर से राकेश पाटीदार को मौका दिया हैं। ज्ञात हो की राकेश पाटीदार का नाम कांग्रेस में, उपचुनाव के दौरान सामने आया था, और वो उप चुनाव डंग हार गए थे। अब देखना होगा कि क्या राकेश पाटीदार, डंग को रोकने में कामयाब हो पाते है या नहीं। वैसे इस क्षेत्र में भाजपा के पूर्व विधायक रहे राधेश्याम पाटीदार की भूमिका बड़ी अहम मानी जाती हैं। अब देखना होगा कि वो डंग की जीत के लिए कौन सा दांव आजमाते हैं।