सागर। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर सागर में रविवार को होलिका दहन किया जाएगा। सोमवार को धुडेंली खेली जाएगी। इस बार भी होली पर भद्रा का साया होने के कारण रात 10 बजकर 35 मिनट के बाद भद्रा की समाप्ति पर होलिका दहन करना शुभ रहेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री ने बताया कि होलिका दहन पर इस बार भी भद्रा का साया रहेगा। पूर्णिमा तिथि रविवार को सुबह 9 बजकर 32 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 25 मार्च को सुबह 11 बजकर 37 मिनट तक रहेगी।
लेकिन पूर्णिमा का चंद्रोदय रविवार को होगा। इसलिए होलिका दहन रविवार को ही किया जाएगा। इसी दिन पूर्णिमा के साथ ही भद्रा भी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि लोक विजय पंचांग के अनुसार रात 10 बजकर 15 मिनट और भुवन विजय पंचांग के अनुसार रात 10 बजकर 31 मिनट तक भद्रा रहेगी। ऐसे में रात 10.35 बजे के बाद होलिका दहन करना शुभ रहेगा। शहर में करीब 150 स्थानों पर सामूहिक होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मुख्य रूप से भीतर बाजार, बड़ा बाजार, सरस्वती मंदिर, बालाजी मंदिर, मोती नगर, काकागंज हनुमान मंदिर, विजय टॉकीज स्थित मां सिंहवाहनी मंदिर, परकोटा, तीन बत्ती आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर होलिका दहन करेंगे।
रंगोली का चौक बनाकर होगा होलिका दहन
इतवारा बाजार स्थित मां सरस्वती मंदिर के सामने प्राचीन परंपरा अनुसार रंगोली का चौक बनाकर होलिका दहन किया जाएगा। पंडित यशोवर्धन चौबे ने बताया कि होलिका के ऊपर ध्वज पताका उसका पूजन कर शक्कर व गुड से बने आभूषण चढ़ाए जाएंगे। होलिका दहन के बाद कई भक्त अपने ऊपर से सात बार काले उड़द से उतारा कर होलिका में समर्पित करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे साल भर बुरी नजरों से रक्षा होती है।
बालाजी मंदिर में रात 10.35 बजे होगा होलिका दहन
धर्मश्री स्थित बालाजी मंदिर में रात 10.35 बजे होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मंदिर के चरण सेवक दीपक तिवारी व प्रकाश साहू ने बताया कि पूर्णिमा पर सुबह 7 बजे तिरुपति बालाजी का विशेष अभिषेक पूजन किया जाएगा। इसके बाद सुबह 8.30 बजे बालाजी सरकार की आरती होगी। रात 10.35 बजे होलिका दहन होगा। दहन के बाद नारियल से 7 बार उतारा कर भक्तों की नजर व बुरी शक्तियों से बालाजी सरकार से प्रार्थना कर नारियल को होलिका में समर्पित किया जाएगा।
धनेश्वर शिवालय की प्रज्वलित ज्योत से होगा होलिका दहन
बड़ा बाजार श्रीराम चौक पर श्रीदेव धनेश्वर शिवालय भक्त मंडल द्वारा होलिका दहन किया जाएगा। यहां स्वयम्भू श्रीदेव धनेश्वर महादेव के मंदिर निर्माण के बाद से ही उत्सव की परंपरा चली आ रही है। पुजारी पंकज पंडा ने बताया कि यहां की होली सर्वाधिक लकड़ी और गौ काष्ठ से निर्मित होती है। होलिका की गोद में भक्त प्रह्लाद की मूर्ति विराजमान कर बड़े ही धूमधाम से होलिका दहन किया जाता है। शिवालय में बाबा की आरती के बाद मंदिर में प्रज्वलित ज्योत से ही होलिका का दहन होता है। इसके बाद ही यहां की अग्नि से अन्य जगहों पर होलिका दहन किया जाता है।