बहुत कुछ खूब सूरत है कई पैगाम भारत में।
उमापति धाम भारत में रमापति राम भारत में।
यहीं गंगा यही यमुना धरा पर स्वर्ग से आई,
यहीं ब्रज भूमि भारत की यहीं धनश्याम भारत में।
सभी देशों से बेहतर है हमारे देश की धरती,
सभी मौसम बराबर है सुबह या शाम भारत में।
नहीं दिखता कहीं मुझको जहांँ ईश्वर ठहरता हो,
यहां कैलाश बासी है हमारे धाम भारत में।
जहां तक भी नजर जाए,वहां तक देव नगरी है,
कहां तक अंकिता लिख दूं नए आयाम भारत में।