मंदसौर। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ) की जिला इकाई द्वारा न्यायिक एवं गैर-न्यायिक संवर्ग के विभाजन के विरोध में जिला मुख्यालय पर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। शुक्रवार को आंदोलन के तीसरे दिन तहसीलदारों के साथ पटवारियों, कोटवारों ने भी मोर्चा संभालते हुए विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। इनके साथ ही समस्त राजस्व अधिकारियों को मध्य प्रदेश पेंशनर्स संघ,कर्मचारी, सचिव संघ द्वारा भी समर्थन दिया गया है।
इस अनूठे विरोध प्रदर्शन में आज अधिकारियों ने नारेबाजी या भाषण नहीं देकर भजन गाकर अपनी भावनाएं और नाराज़गी व्यक्त की। भजन के माध्यम से संवर्ग विभाजन के खिलाफ अपनी एकता और शांतिपूर्ण आंदोलन की मिसाल पेश की गई। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक ढांचे में प्रस्तावित बदलाव को अव्यवहारिक और अनुचित बताया।
संघ के पदाधिकारियों ने जताई आपत्ति-
संघ के सदस्यों का कहना है कि न्यायिक और गैर-न्यायिक संवर्ग का विभाजन राजस्व व्यवस्था की मूल संरचना को नुकसान पहुंचाएगा, जिससे प्रशासनिक कार्यों में असंतुलन उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल अधिकारियों की कार्यदक्षता को प्रभावित करेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। किसानों को जहां पहले 1 तहसील में 2 से 5 अधिकारी समस्या निराकरण हेतु उपलब्ध रहते थे वही इस विभाजन से अब सिर्फ 1 अधिकारी जिससे न सिर्फ संबंधित अधिकारी पर बोझ बढ़ा है बल्कि किसानों को भी अधिकारी कम होने से समस्याएं बढ़ी है
आंदोलन रहेगा जारी-
राजस्व अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक शासन स्तर पर इस निर्णय को वापस नहीं लिया जाता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। साथ ही, अगर शीघ्र सुनवाई नहीं हुई, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन की भी चेतावनी दी गई है।
भजन और शांति के माध्यम से चल रहा यह आंदोलन प्रशासनिक क्षेत्र में एक नया संदेश देने का प्रयास कर रहा है कि लोकतांत्रिक तरीकों से भी गंभीर मुद्दों को प्रभावशाली ढंग से उठाया जा सकता है।