नीमच। आजादी के 77 वर्ष बाद भी नीमच जिले की जाट पंचायत क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण सड़क, शिक्षा और शमशान जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। हालात इतने बदतर हैं कि जन्म के बाद बच्चों के लिए स्कूल तक का रास्ता और मृत्यु के बाद मोक्षधाम तक की राह भी सुगम नहीं है।
क्षेत्र के नोनीहाल बरसाती नाले को पार कर रोजाना जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं। पुल, शमशान और पक्की सड़क की मांग ग्रामीण पिछले दो दशक से कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ग्राम पंचायत जाट के मुक्तिधाम सहित झोपड़ियां और बरखेड़ा सड़क मार्ग के हालात बेहद खराब हैं। जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त है।