सेगांव। जीवन में भक्तों को कृष्णमय हो जाना चाहिए। भक्ति के मार्ग पर हमेशा चले। भगवान का प्रतिदिन स्मरण करे। जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। असत्य का मार्ग छोड़कर सत्य का मार्ग अपनाए। सच्चे मन से जो मनुष्य भागवत श्रवण करता है उसे जरूर मोक्ष मिलता है, जो भगवान के उत्सव में सम्मिलित होता है उनके जीवन में मंगल ही मंगल होता है। यह बातें भागवताचार्य सोमेश कृष्ण शास्त्री ने लालबाई फूलबाई माताजी मंदिर परिसर में आयोजित छटे दिवसीय की श्रीमद् भागवत कथा में कही। श्री परशुराम भगवान के जन्मदिन पर पण्डित जी ने सभी को बधाई दी। अक्षय तृतीया के महत्व को बताया। इस दिन जो दान देता है उसके कुबेर जी उनके भंडार भर देते है। इस तिथी का भगवान भी इंतजार करते है। कथा में गोवर्धन पर्वत की विस्तार से बताया। मारुति रामायण मंडल खरगोन के विजय दसौंधी, श्री कृष्ण दसौंधी, पण्डित विजय मंडलोई, कनकेश्वरी गरबा मंडल इंदौर के गायक कलाकार रितिक दसौंधी ने व्यास पीठ पर जा कर शास्त्री जी का स्वागत कर आर्शीवाद लिया। संगीत मण्डली ने किशोरी कुछ ऐसी हो जाये, जुबा पर राधा राधा नाम हो जाये....... पर श्रदालु झूमे। घर की रसोई घर की महिलाओं को बनाना चाहिये, घर की लक्ष्मी घर मे भोजन बनाती है तो उससे आत्म तृप्ति होती है। भोजन दो प्रकार के होता है, एक पेट को तृप्त करने के लिए व दूसरा आत्मा को तृप्त करने के लिए। इसलिए भोजन आत्मा को तृप्त करने वाला बनाना चाहिये। जो घर की महिला ही बना सकती है।अग्सतजी की कथा को विस्तार से समझाया। बंशी की तान व गोपियों की सुध बुद्ध भूल कर सब कुछ भूल जाती है। गोपियों व श्री कृष्ण की बाल लीलाओं के बारे में विस्तार से समझा, बंशी की तान से गोपियों की सुध बुद्ध भूल कर सब कुछ भूल जाती है। जो भगवान की भक्ति में जो लीन होता है वही सही भक्ति है। श्री कृष्ण की गोपियो के रास लीला के संगीत पर रासलीला के वर्णन पर श्रदालु जमकर झूमे।
श्री कृष्ण ने कंस का वध कर कंस का उध्दार की कथा का विस्तार से वर्णन किया ।
कथा में कृष्ण-रूक्मणी विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही कृष्ण और रुक्मणी ने एक-दूजे को वरमाला पहनाई। समूचा कथा स्थल भगवान के जयघोष से गूंज उठा। बड़ी संख्या मे महिलाएं थिरक उठीं। भक्तों ने पुष्प वर्षा कर उत्सव का आनंद लिया। विवाह से पहले बारात बड़ी धूमधाम से निकली गई, जिसमें महिलाएं नाचते-गाते हुए शामिल हुईं। आओ मेरी सखियों मुझे मेहदी लगा दो ,मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो .....।आज मेरे यार की शादी है .......।संगीत मय प्रस्तुति पर सभी जमकर झूमे। कथा में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। प्रतिदिन भक्तों को महाप्रसादी का वितरण किया जा रहा है।