माउंट आबू। हैदराबाद नागार्जुन फल्टीलाईजर्स एंड केमिकल लिमिटड चेयरमैन के.एस. राजू ने कहा कि जीवन को कामयाबी को बुलन्दियों की राह पर ले जाने में आध्यात्मिक ज्ञान संजीबनी बूटी का कार्य करता है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा से मानव को असाधारण प्रतिभाओं को तराशने में ब्रह्माकुमारी संगठन का अहम योगदान है। जिसकी बदौलत समाज अभी अध्यात्म की ओर उन्मुख हो रहा है। वर्तमान परिवेश के प्रतिस्पर्धात्मक युग के व्यापारिक क्षेत्र में सफलता अर्जित करने के लिए सिद्धांतों के अनुसार निर्धारित लक्ष्य को सामने रखकर किया गया कार्य फलीभूत होता है। विकटतम परिस्थितियों में शाश्वत सत्य को सामने रखते हुए स्वयं को अध्यात्म से जोडऩा जरूरी हो गया है। अध्यात्म एकमात्र ऐसा मार्ग है जो हर परिस्थिति में स्वयं को संबल देने में सक्षम है। वे शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में संगठन के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग की ओर से आयोजित सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते कही।
ब्रह्माकुमारी संठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला ने कहा कि चुनौतियों का सामना करने की शक्ति राजयोग से प्राप्त होती है। नियमित रूप से राजयोग का अभ्यास जीवनशैली को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए प्रेरित करता है।
विराज प्रोफाईल लिमिटेड के सीएमडी नीरज कोचर ने अपनी आध्यात्मिक जीवनशैली के अनुभव सांझा करते हुए कहा कि शुद्ध व सात्विक अन्न मन की दुविधामय भावनाओं पर विराम लगा देता है। भौतिक सुखों के साधन बढ़ते जा रहे हैं लेकिन जीवन मूल्य उसी अनुपात में घट रहे हैं। झूठ, कपट, पाप के वातावरण को बदलने के लिए जीवन में सत्यता व पवित्रता की धारणा करने की प्रेरणा को किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
सालासर ग्रुप ऑफ कंपनीज निदेशक प्रदीप कुमार बुभना ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संगठन की ओर से दिया जा रहा प्रेम व सदभाव का संदेश जीवन में धारण करने से व्यापारिक क्षेत्र की हर चुनौती का सामना करना सुगम हो जाता है। संगठन की ओर से आयोजित की गई इस राष्ट्रीय कार्यशाला में व्यसाइयों व उद्योगपतियों को व्यापारिक क्षेत्र में सफल होने के सूत्र अवश्य मिलेंगे। जिससे देश भर से आए प्रतिनिधियों को अपने जीवन में परिवर्तन लाने की भी प्रेरणा मिलेगी।
प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बी के योगिनी ने कहा कि भारत में धर्म स्थानों व पूजा करने वालों की संख्या विश्व भर में सर्वाधिक है। इसलिए हम पर यह जिम्मेवारी आती है कि सत्य धर्म को सबसे बड़ा धर्म मानते हुए स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन के अभियान का नेतृत्व करें।
मुंबई बीएमसी म्युनिसीपल कमिश्नर चंद्रशेखर चौरे ने कहा कि संसार को सकारत्मक दिशा देने में व्यापारियों व उद्योगपतियों का बहुमूल्य योगदान होना चाहिए। अध्यात्म के सिद्धांतों को बारीकी से समझकर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने में प्राथमिकता देनी चाहिए।
प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके गीता बहन ने कहा कि ईश्वरीय ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति व आदर्श जीवन जीने की कला यहां सीखने को मिलती है।
प्रभाग के मुंबई संयोजक बीके. हरीश व मुंबई बीएसईएस अस्पताल से आए मोहन पटेल ने प्रभाग की ओर से की जा रही सेवाओं की जानकारी दी। बीके अमृता बहन, प्रतिभा बहन ने मंच का संचालन किया।