चितौड़गढ़। जन चेतना मंच महिला शाखा द्वारा समलैंगिक विवाह को विधि मान्यता न देने के संबंध में अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय शैलेश सुराणा के माध्यम से राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर विभिन्न संगठन से जुड़ी मातृशक्ति, विभिन्न समाज की जागृत मातृशक्ति एवम प्रबुद्ध मातृशक्ति ने लगभग 200 से अधिक हस्ताक्षर कराकर इस अभियान में सहयोग किया। जिला कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने से पूर्व ज्ञापन का वाचन किया गया एवं मातृशक्ति ने उपस्थित होकर समलैंगिक विवाह के विषय पर विरोध प्रदर्शन किया। पूरे विश्व में सबसे पुरातन संस्कृति भारतीय संस्कृति है। भारतीय संस्कृति की सबसे महत्वपूर्ण इकाई परिवार व्यवस्था है यहां शताब्दियों से केवल जैविक पुरुष और जैविक महिला के मध्य विवाह को मान्यता दी है। सभी धर्मों में केवल विपरीत लिंग के दो व्यक्तियों के विवाह का उल्लेख मिलता है। भारत में समलैंगिकता का विषय उठाया ज्यादा ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
इसी विषय पर पुरजोर विरोध हेतु जिला कलेक्ट्रेट में जन चेतना मंच की महिला अध्यक्ष एवं पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी कल्याणी दीक्षित, प्रोफेसर विनया शर्मा, अरबन बैंक प्रबंध निदेशक वंदना वजीरानी, एडवोकेट विमला सेठिया पतंजलि प्रभारी सरस्वती शर्मा, समाजसेवी प्रेमलता महंत अलका जैन, सीमा मेहता, रश्मि सक्सैना, रेनू मिश्रा, निरजा गर्ग, देशना सदस्य आशा पोखरना, वीणा दशोरा सुमित्रा साहू, प्रधानाध्यापिका ललिता राठौड़ ललिता, खंडेलवाल, सुनीता कुमावत, सावित्री शर्मा, सुनीता चावला अरुणा सुखवाल सहित कई जागृत मातृशक्ति उपस्थित ने होकर हस्ताक्षर सहित ज्ञापन प्रस्तुत कर विरोध प्रदर्शन किया। जन चेतना मंच महिला शाखा ने समलैंगिक विवाह का विरोध प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम समाप्ति पर जन चेतना मंच की महिला सदस्य ने समस्त मातृशक्ति का आभार प्रदर्शित किया।