उज्जैन। आज से सावन महीना शुरू हो गया है उज्जैन में महाकाल लोग बनने के बाद सावन महीने का पहला दिन महाकाल मंदिर में 2 महीने तक सावन उत्सव मनाया जाएगा इस बार 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। प्रशासन का दावा है कि 40 मिनट में भक्तों को दर्शन कराए जाएंगे पहली बार चलित भस्म आरती की व्यवस्था भी रहेगी 19 साल बाद इस बार अधिक मांस के कारण 2 महीने का सावन रहेगा 4 जुलाई से 11 सितंबर तक गर्भ ग्रह में प्रदेश पूरी तरह बंद रहेगा।
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि हर सोमवार रात 2रू30 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे बाकी दिनों में 3रू00 पर खुलेंगे सुबह करीब 4रू00 बजे से रात 10रू00 बजे तक लगातार दर्शनों का सिलसिला जारी रहेगा सावन महीने में 40 मिनट में भक्तों को दर्शन मिल सकेंगे सुगम दर्शन के लिए तीन एंट्री प्वाइंट बनाए गए हैं तीनों जगह से आने वाले श्रद्धालुओं को जिगजैग के माध्यम से कार्तिक की ओर गणेश मंडपम से दर्शन हो सकेंगे दूसरे शहरों से आने वालों भक्तों के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं जिससे किसी को असुविधा ना हो।
मंदिर परिसर को पूरी तरह सीसीटीवी से कवर किया गया है इसके दो कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं बड़ी एलईडी लगाई गई है इसके माध्यम से भक्तों की दर्शन व्यवस्था रहेगी 7 हेल्पडेस्क और महाकाल मंदिर और त्रिवेणी पर आकस्मिक चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।
सावन के पहले दिन मंगलवार को सबसे पहले बाबा महाकाल को पंडे पुजारियों ने नियमानुसार जल चढ़ाकर दूध,घी,शहद,शक्कर व दही से पंचामृत अभिषेक कराया करीब 1 घंटे चली भस्मा आरती में बाबा का भांग,चंदन,फल,वस्त्र आभूषण से विशेष श्रंगार किया गया इसके बाद सुबह से बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही।
सावन के प्रत्येक सोमवार को बाबा महाकाल राजा की सवारी निकालने का विधान है ऐसे में सोमवार शाम 4रू00 बजे जब बाबा नगर भ्रमण पर निकलते हैं तो उन्हें पहले पुलिस बैंड द्वारा सलामी दी जाती है इस साल अधिक मास होने के चलते 10 सवारी निकाली जाएगी 8 सवारी सावन महीने और दो भादो की निकलेगी जो कि परंपरागत मार्ग से होती हुई शिप्रा पहुंचती है इस दौरान महाकाल राजश्री ठाट बाट के साथ राजा स्वरूप में भक्तों का हाल जानने भ्रमण के लिए निकलेंगे सावन के पूरे महीने में महाकाल मंदिर समिति सावन महा उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाती है इस बार कई कार्यक्रमों की प्रस्तुति शनिवार को होगी।
मान्यता है कि सावन महीने में बाबा महाकाल को बेलपत्र और जल चढ़ाने से 3 जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है इस बार अधिक मास होने की वजह से सावन 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त यानी 59 दिन का रहेगा वर्तमान में करीब 80000 भक्त रोजाना मंदिर आ रहे हैं वही महाकाल लोग बनने के बाद पहली बार सावन महीना पड़ रहा है इस दौरान देश दुनिया से महाकाल के भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचेंगे रोजाना एक लाख से ज्यादा भक्तों के आने की उम्मीद है आमतौर पर रोजाना करीब 35 कुंटल लड्डू बनाए जाते हैं सावन महीने में रोजाना करीब 7 टन टन लड्डू बनाए जाएंगे।
सावन महीने में भगवान महाकाल की आराधना जब और प्रार्थना की जाती है इस महीने में महाकालेश्वर में 5 आरती होती है जिसमें सबसे खास भस्मा आरती होती है दक्षिणमुखी होने के चलते महाकाल भगवान का अलग महत्व है सावन महीने में रोजाना खास पंचामृत,भांग,चंदन,मावा ड्राई फूड,फूल और आभूषण से दिव्य श्रृंगार किया जाता है सावन महीने में महाकाल को बेलपत्र और जल चढ़ाने का बहुत महत्व है
सावन महीना शिव जी का अति प्रिय माना जाता है इस महीने में शिव जी की पूजन का खास महत्व है बाबा महाकाल दूरदराज से आए श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करते हैं महाकाल मंदिर में सावन महीने के दौरान बाबा का श्रृंगार पूजन आरती का भी खास महत्व है सावन महीने में रोज बाबा का अलग-अलग स्वरूप में दिव्य श्रृंगार होता है।