भोपाल | 2020 में अयोजित हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास करने के बावजूद नियुक्ति नहीं मिलने को लेकर अब चयनित अभ्यार्थियों ने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला किया है। इस आमरण अनशन 8 महिला चयनित शिक्षक और 3 दिव्यांग शामिल हैं। यहां गुना से आई नेहा राठौर ने बताया कि वह अपने डेढ़ साल के बेटे के साथ डीपीआई के सामने कई दिनों से हड़ताल पर बैठी हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने बच्चे के साथ यहां बारिश, गर्मी और मौसम की मार झेल रहीं हैं, मगर सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है। उन्होंने राते हुए कहा कि बच्चे के साथ करीब 6 महीने से लगातार आ रही हूं। बहुत परेशानी होती है। मेरे साथ साथ मेरे बेटे को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता रहा है।
रोस्टर में पद खाली फिर भी हमें गुमराह किया जा रहा
यहां मौजूद दिव्यांग अभ्यार्थी राजा राम ने बताया कि वह टीकमगढ़ से भोपाल आए हैं, करीब एक महीने से हम लोग हड़ताल पर बैठे हुए हैं। हम 51 हजार पदों पर भर्ती की मांग कर रहे हैं। अब हमने आमरण अनशन शुरू किया है। हम कहना चाहते हैं कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हमारा अनशन जारी रहेगा। हम कल बीजेपी कार्यालय गए थे वहां से हमें पीटकर भगाया गया। वहीं शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि हमारे पास पद खाली नहीं हैं जबकि रोस्टर में सवा लाख पद खाली हैं, वह हमें गुमराह कर रहे हैं।
आमरण अनशन पर बैठे दिव्यांग अभ्यार्थी।
मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण संघ संयोजक मंगल सिंह ने बताया प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 के अभ्यर्थी है जो कि पात्रता परीक्षा 2020 उत्तीर्ण हैं। सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 मे नाम मात्र के पदों पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की जा रही है, जबकि भर्ती परीक्षा 2020 उत्तीर्ण चयनित शिक्षकों की संख्या 1 लाख 94 हजार है। ऐसी विसंगति तब है जब प्रदेश मे शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं। इसके विरोध को लेकर हम 5 जून से डीपीआई के सामने भूख हड़ताल पर बैठे हैं।