मंदसौर। जी हां यह सब कुछ सफल हो पाया है सरकारी अस्पताल में... सीतामऊ के पास मऊ खेडा का रहने वाला 45 वर्षीय रमेश मालवीय घर पर लकड़ी का बना पलंग लोहा काटने की कटर से सही कर रहा था कि अचानक कटर हाथ से छूट गया और दाई जांघ पर गिर गया जिससे उसकी जांघ और नसे कट गई थी, सीतामऊ में प्राथमिक उपचार के बाद उसे मंदसौर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया जिसे ऑर्थाेपेडिक डॉक्टर शुभम जैन ने देखा काफी नाजुक हालत में मरिज रमेश मालवीय जिला अस्पताल पहुंचा था, उसका खून काफी बह चुका था क्योंकि ब्लड़ सर्कुलेट करने वाली नसें कट चुकी थी,पल्स डाउन चल रही थी, डॉ.शुभम जैन ने देर किये बगैर उस का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया, क्योंकि मरीज को रेफर करना संभव नहीं था,परिजनों की सहमति के बाद ऑपरेशन कर ऑपरेट किया,ब्लड लगाकर इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया,लेकिन ड्यूटी चेंज होने पर आए डॉक्टर ने मरीज को रेफर कर दिया, परिजन मायूस होकर उसे निजी अस्पताल लेकर चले गए सात आठ रोज प्ब्न् में रहा,परिजनों के मुताबिक उसका बिल लगभग दो से ढाई लाख रुपये बन गया, वहां आराम नहीं हुआ,वापस मरीज के परिजनों ने डॉक्टर शुभम जैन से जिला अस्पताल पहुंचकर संपर्क किया डॉक्टर शुभम ने वापस मरीज को अस्पताल लाने के लिए कहा परिजन मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे...फिर से मरीज की देख रेख डॉ शुभम जैन ने की।
जिला हॉस्पिटल में उपयुक्त उपचार होने से मरीज मौत को मात देकर लौटा आया, आज वहां घूम फिर रहा है,मरीज के परिजन काफी खुश नजर आ रहे हैं उसका 18 वर्षी बेटा आशीष काफी खुश नजर आया उसने ओर मरीज रमेश ने डॉक्टर शुभम जैन का आभार माना और धन्यवाद दिया,यह सब कुछ संभव कर दिखाया है नगर के प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शरद जैन के पुत्र डॉक्टर शुभम जैन ने, सलाम है उन्हें उनकी मेहनत को।
वही डॉक्टर शुभम जैन का कहना है की बड़ी ही नाजुक हालत में मरीज रमेश सीतामऊ से रेफर होकर उनके पास आया था जिंदगी और मौत से वहां लड़ रहा था पल्स उसकी काफी डाउन चल रही थी खून बह चुका था,फिर भी मैंने परिजनों से चर्चा कर उसे ऑपरेट किया अब वहां स्वस्थ है।