सीहोर। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सतीश चंद्र शर्मा के निर्देशानुसार 14 दिसम्बर को संकल्प नशामुक्ति केन्द्र में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुकेश कुमार दांगी द्वारा नालसा (नशा पीड़ितों के लिए विधिक सेवा) योजना-2015 की जानकारी दी और नशे के आदि व्यक्तियों को कहा कि हर दुर्व्यसन कहीं न कहीं मानसिक दुर्बलता अथवा अस्वस्थ्यता का परिणाम होता है। हम अपने आप को मानसिक रूप से स्वस्थ्य बनाकर किसी भी दुर्व्यसन को छोड़ सकते है।
मानसिक अस्वस्थ्यता का भी अन्य बीमारी की तरह उपचार संभव है। नशामुक्ति के लिए मानसिक रूप से सशक्त होना आवश्यक है। उन्होंने ने डाकू अंगुलीमाल की कहानी सुनाते हुए गौतम बुद्ध द्वारा उन्हें दी गई सीख के बारे में बताया कि किसी व्यक्ति की जान लेने वाला या किसी चीज को तोड़ने वाला व्यक्ति शक्तिशाली नहीं होता , शक्तिशाली वह होता है जो टूटी हुई चीज को जोड़ दे। नशा करना आसान है और उसे छोड़ना मुश्किल है। अगर अंगुलीमाल जैसा डाकू संत बन सकता है तो आप सब भी नशे को त्याग सकते है। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी जीशान खान ने कहा कि हमें नियमित दिनचर्या, संतुलित भोजन, दैनिक व्यायाम तथा मेडिटेशन आदि के माध्यम से अपने शरीर एवं मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखना होगा। इस नशामुक्ति केन्द्र से सभी यह संकल्प लेकर जाए कि यहां से जाने के बाद भी हम कभी नशा नही करेंगे। कार्यक्रम में नशामुक्ति केन्द्र संचालक राहुल सिंह द्वारा कहा गया कि हमारे अंदर नकारात्मक एवं सकारात्मक दोनो भाव होते है। जिस परिवेश, संगत एवं रहन-सहन अपनाते उसी प्रकार से हमारे विचार और कृत्य होते जाते है। हम स्वयं इन बुराइयों पर नियंत्रण, पा सकते है।