नीमच। बसंत पंचमी का दिन हमारे जीवन में सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना करके हम नव जीवन की शुरुआत करते है। सीएम राइज विद्यालय परिवार ने आज वेलेन्टाइन डे को भारतीय संस्कृति से जोड़ा और माता पिता का अभिनंदन किया। यह एक पुनीत और पवित्र प्रयास है। उन्होंने कहा कि जितने भी महान लोग हुए है। उनके पीछे उनकी माता का हाथ था। शिवाजी ऐसे ही शिवाजी नही बने, उनके पीछे जीजाबाई का अथक परिश्रम और त्याग था। महाराणा प्रताप की माता बहुत शुरवीर और प्रतापी थी। आप कहां बैठे हो, किसके साथ बैठे हो, बहुत मायने रखता है। संगत से ही रंगत आती हैं। उक्त उद्गार शिक्षाविद एवं प्रोफेसर डॉक्टर संजय जोशी ने सीएम राइज विद्यालय नीमच केंट में अभिभावक सम्मान समारोह एवं बसंतोत्सव में व्यक्त किए। उन्होंने थामस एडीसन, ओशो व अनेक उदाहरणों के माध्यम से ज्ञान एवं प्रेरणा दी।
अभिभावक सम्मान समारोह एवं बसंतोत्सव का शुभारंभ प्रोफेसर डॉक्टर संजय जोशी, शिक्षाविद हिम्मत सिंह जैन, संस्कृत विद्वान सुंदरलाल सालेचा, प्राचार्य किशोरसिंह जैन, उप प्राचार्य महेश शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संगीत विभाग की छात्राओं ने शालीन सातपुते सर के साथ सरस्वती वंदना की। प्राचार्य किशोरसिंह जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य किशोरसिंह जैन, उप प्राचार्य महेश शर्मा, प्रधानाध्यापिका मंजुला धीर, उच्च माध्यमिक शिक्षक प्रहलाद पाल ने किया।
इस अवसर पर शिक्षाविद हिम्मत सिंह जैन ने महान त्यागी नारी मां सीता को नमन करते हुए सभी नारी शक्ति को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम देश के बच्चों को सुसंस्कार देने की दिशा में अभिनव कदम है। हम सुधरेंगे, युग सुधरेगा उक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले हमें अपना आचरण सुधारना होगा क्योंकि जैसा हम करते है, वैसा ही बच्चें सीखते है। हम बडों का सम्मान करेंगे तो बच्चे हमारा सम्मान करेंगे।
उच्च शिक्षा विकास जोधपुर से आमंत्रित पूर्व प्राचार्य सुंदरलाल सालेचा ने कहा कि माता-पिता क्या कर रहे है यह बच्चे बहुत ध्यान से देखते है। हम अपने बच्चों को क्या बनाना चाहते है, यह परिवार पर निर्भर करता है। समाज का 25 प्रतिशत, विद्यालय का 25 प्रतिशत और माता पिता का 50 प्रतिशत प्रभाव बच्चों पर पडता है।
सिंधू सेवा महिला संगठन की अध्यक्ष लक्ष्मी प्रेमाणी ने बसंत पंचमी का महत्व बताते हुए आज के दिन को परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी हमें सिर्फ बाहरी रंग ही नही दिखाती बल्कि जीवन के अनेक रंगो के दर्शन कराती है। बसंतोत्सव पर सम्पूर्ण विद्यालय परिवार पीले परिधान में एक अनोखी छटा बिखेर रहा था। मंच सज्जा भी पीले पुष्पों व परदों से सुसज्जित थी। इस अवसर पर बडी संख्या मे अभिभावक उपस्थित थे।
इस अवसर पर आधुनिक परिवेश में ससंस्कार निर्माण में माता पिता की भूमिका विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। जिसमें विद्यार्थियों के साथ साथ अभिभावक शिखा तिवारी, पत्रकार दिनेश प्रजापति, राजीवसिंह, अभिषेक पाटीदार ने अपने विचार रखें। विद्यार्थियों द्वारा अपने माता-पिता का विधिविधान से पूजन किया गया। समारोह का सफल संचालन शिक्षिका ज्योति राठौर और सोनम शर्मा द्वारा किया गया। आभार उप प्राचार्य महेश शर्मा ने व्यक्त किया।