सीधी। जिले का हरिजन आदिवासी उच्च माध्यमिक विद्यालय भितरी, जो कभी शिक्षा का मंदिर माना जाता था, अब शिक्षा माफिया का गढ़ बन गया है। स्कूल का भवन जर्जर है। फर्नीचर की स्थिति खराब है। नियमित कक्षाएं भी नहीं चलतीं। फिर भी कागजों में यह विद्यालय पूरी तरह संचालित दिखाया जाता है। कक्षा 1 से 10 तक नामांकन दर्ज हैं, लेकिन वास्तविकता में केवल 9वीं-10वीं के कुछ छात्र ही कभी-कभार स्कूल आते हैं।
स्कूल का खाली स्टाफ रूम इस बात का प्रमाण है कि यह विद्यालय अब केवल परीक्षा देने और पास कराने का केंद्र बन चुका है। आरोप है कि 10 साल से कधवार हायर सेकंडरी स्कूल में ही परीक्षा केंद्र तय होता है। वहां खुलेआम नकल होती है।
1980 के दशक में गांव के बुजुर्गों ने यह विद्यालय इसलिए शुरू किया था, ताकि बच्चों को दूर न जाना पड़े, लेकिन अब 65 वर्ष से अधिक आयु के सभी संस्थापक सदस्यों को समिति से बाहर कर दिया गया है। उन्हें न तो कोई सूचना दी गई और न ही कारण बताया गया।
संस्थापक सदस्य डॉ. रामलाल शर्मा ने कहा, हमने मेहनत से यह विद्यालय खड़ा किया था। अब यह केवल कागजों में चल रहा है। हजारों छात्रों का नामांकन सिर्फ नकल और पास होने के भरोसे है।
पूर्व प्राचार्य अरुण सिंह ने बताया, मैंने नकल का विरोध किया। इसी वजह से मुझे पद से हटा दिया गया। उन्होंने 20 साल तक स्कूल में सेवा दी थी।
सीधी जिले के जिला शिक्षा अधिकारी पवन सिंह ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 1 बजे कुछ वृद्ध उनके और कलेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस स्कूल में अध्ययन और अध्यापन का कार्य नहीं होता। जिला शिक्षा अधिकारी ने आश्वासन दिया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।