शहडोल। किसानों को खाद लेने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ब्यौहारी में पिछले दो दिनों से किसान लंबी कतारों में खड़े हैं। बारिश से बचने के लिए किसान पन्नी और कुर्सियों का सहारा ले रहे हैं।
स्थिति इतनी बिगड़ गई कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। यूरिया खाद की जमकर कालाबाजारी हो रही है। सरकारी दर 266.50 रुपए प्रति बोरी (45 किलो) है, लेकिन बाजार में इसे 500 से 700 रुपए तक में बेचा जा रहा है।
मुख्यालय की सब्जी मंडी में स्थित एक दुकान पर किसानों की भारी भीड़ देखी गई। किसानों ने बताया कि उन्हें एक बोरी के लिए 500-600 रुपए तक चुकाने पड़े। दुकानदार किसी को रसीद भी नहीं दे रहा है।
वर्तमान में धान की फसल के लिए यूरिया खाद की सबसे अधिक मांग है। सरकारी सोसायटियों में केवल उन्हीं किसानों को खाद दी जा रही है जिन्होंने ऋण लिया है। नकद भुगतान पर डबल लॉक गोदामों में भारी भीड़ जमा हो रही है।भमरहा स्थित निजी दुकान से भी खाद की बोरी 500 रुपए में बेची जा रही है। कृषि विभाग के अधिकारी अधिक दर पर खाद बिकने की शिकायतों के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचे। खाद की किल्लत के कारण किसान शिकायत दर्ज कराने से भी बच रहे हैं।
डीएमओ आनंद पांडेय के अनुसार दो रैक खाद की आ चुकी है दो और आनेवाली है। पर्याप्त स्टॉक है वितरण भी हो रहा है, लेकिन किसानों की इतनी भीड़ क्यों आ रही है, समझ से परे है। यदि कहीं कालाबाजारी और दाम से अधिक खाद की बिक्री हो रही है तो कार्रवाई करेंगे।