नीमच। चातुर्मास में गुरु जन आत्म कल्याण के लिए आत्म शांति का मार्ग धर्म तपस्या के माध्यम से बताते हैं। संत सभी के लिए समान भाव से आत्म कल्याण की राह दिखाते हैं। संत के लिए सभी भक्तों चाहे वह किसी भी संप्रदाय के हो समान होते हैं। संत सभी के कल्याण की प्रार्थना करते हैं। संत हमेशा पर कल्याण के माध्यम से स्वयं की आत्मा का कल्याण करते हैं।
यह बात नवकार मंत्र आराधक अरुण मुनि महाराज ने कही। वे वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीमच छावनी द्वारा वैभव सुख धाम परिसर के समीप विकास नगर स्थित 14 /4 में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि महावीर की आज्ञा के अनुसार जैन संत देश के कोने कोने में विचरण कर लोगों को पाप कर्मों से बचाकर पुण्य कर्मों की राह दिखाते हैं। चातुर्मास आनंद और शांति के साथ संपन्न हुआ।
चातुर्मास आयोजन में श्री संघ, महिला मंडल ,बहू मंडल, नवयुवक मंडल सभी का योगदान उल्लेखनीय रहा है। सभी समाज जनों ने धर्म तपस्या सेवा कार्यों में उत्साह के साथ सहयोग किया जो सम्मान योग्य कदम है। किशन संतो के लिए माता पिता समान होते हैं आर पानी हेलो सभी में सद्भावना बनाए रखें यह पुण्य भूमि है इस भूमि पर जो भी संस्था आते हैं उनके निष्पक्ष सेवा करता है साधु-संतों के धर्म ज्ञान का लाभ सभी ने लिया साधु संतों की सेवा करते रहे हैं यह योगदान अतुलनीय है। 4 मार्च चातुर्मास के दौरान किसी से भी अभिनय साधना हुई हो तो सभी से क्षमा चाहते है ।साध्वी शांता कुमार जी महाराज साहब ने कहा कि चातुर्मास के माध्यम से मनुष्य आहार विहार प्रहार और हार के महत्व को विस्तार से समझता है और अपने जीवन का मार्ग प्रशस्त कर आत्म कल्याण की ओर आगे बढ़ता है। भंवरलाल देशलहरा ने कहा कि नीमच की पहचान चौथमल जी महाराज साहब दिवाकर की जन्म स्थली के रूप में पूरे देश में विख्यात है। उन्होंने प्रदेश के 158 राजाओं को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था जो आज भी सम्मान योग्य कदम है। लालचंद बाफना ने भी विचार व्यक्त किए।
अरुण मुनि जी महाराज आदि ठाणा का चातुर्मासिक विहार, विदाई के लिए उमड़ा जनसैलाब-
निद्रा विजेता तपस्वीराज पूज्य गुरुदेव श्री लाभचन्द्रजी म. सा. के सुशिष्य तपो केसरी उपप्रवर्तक श्री अरुणमुनिजी म. सा. सेवाभावी श्री सुरेशमुनिजी म. सा. ठाणा 2 वघ् जैन दिवाकरीय उप प्रवर्तनी महासतीजी श्री शांताकंवरजी म. सा., मंगलप्रभाजी म. सा. व नयनप्रभाजी म. सा. ठाणा 3 का श्री जैन दिवाकरजी म. सा. की पावन जन्म भूमि नीमच पर चातुर्मास पूर्ण कर चातुर्मासिक विहार जुलूस 9 नवम्बर 2022 बुधवार को प्रातः 8 बजे जैन स्थानक जैन कॉलोनी नीमच से एलआईसी रोड होता हुआ विकास नगर 14/4 मे वैभव सुख धाम मंदिर प्रांगण पर पहुंचा । मार्ग में श्रद्धालु भक्तों ने जग में चमक रहा जैन दिवाकर चमक रहा ,चौथमल जी महाराज साहब की जय हो आदि की जय घोष की लगाई।श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष अजीत कुमार बम चातुर्मास समिति संयोजक सुनील कुमार बम लाला ने बताया कि आनंद मंगल के सामने तपोभूमि के पीछे वाली गली के अंदर जाकर के पास म. सा. श्री पारसमलजी सा. संघवी के निवास 154 विकास नगर 14/4 पर विराजे। महाराज साहब आदि ठाना सा. 10, 11 नवम्बर तीन दिन यही पर विराजेंगे। अरुण मुनि जी म. सा. ने चौथमल जी महाराज साहब के जीवन चरित्र के महत्व एवं पुण्य गुणों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर साध्वी शांता कुंवर जी म .सा. तप के महत्व पर तथा साध्वी मंगल प्रभा श्री जी म. सा. ने भी विचार व्यक्त किए।