नीमच। वर्तमान समय में सीताराम जाजू सागर बांध में पर्याप्त जल उपलब्ध है तथा इससे पेयजल आपूर्ति शहर को होती है। डेम में प्राप्त पानी होने के बाद भी शहर की जनता को नियमित पेयजल की पूर्ति नहीं हो रही है। पर्याप्त पेयजल की उपलब्धि के बाद भी शहरवासी पानी के लिये तरस रहे हैं। कई बार तकनीकी खराबी के कारण तथा विद्युत प्रदाय नहीं होने के कारण शहर की जनता को पानी की सप्लाय नहीं हो पाती है।
नीमच जिला कांग्रेस प्रवक्ता भगत वर्मा ने अपने बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि अनियमित पेयजल आपूर्ति के लिये कौन जिम्मेदार है? जबकि पर्याप्त पानी होने के बाद भी पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। शहर की जनता को नियमित पेयजल उपलब्ध कराना नगरपालिका का प्रथम कर्तव्य है। शहर की जनता को नियमित पानी तथा नियमित सफाई की आवश्यकता रहती है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि शहर की वर्तमान अमृत पेयजल योजना पूर्ण रूप से फैल हो चुकी है। आज भी शहर के कई हिस्सों में अमृत पेयजल योजना के अंतर्गत पाईपलाईन का कार्य अधूरा पडा है। जहां पर अभी तक पाईपलाईन नहीं डाली गई है। बडा दुर्भाग्य है कि पेयजल वितरण जैसी समस्या ने एक गंभीर रूप ले लिया है। साथ ही इस समस्या को जनप्रतिनिधि भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस वितरण व्यवस्था के लिये भी जन प्रतिनिधि जिम्मेदार हैं।
वर्मा ने बताया कि शहर की आबादी लगभग 1.25 लाख पर पहुंच गई है। 3 जोन में जल का वितरण होता है। 20 लाख गैलन प्रतिदिन पानी दिया जा रहा है जबकि अमृत पेयजल योजना के अंतर्गत 60 लाख गैलन पानी दिया जाना चाहिये। मुख्यमंत्री जल आवर्द्धन योजना के तहत शहर की जनता को प्रतिदिन पानी देने का सपना दिखाया गया था। इस योजना को 18 फरवरी 2013 में प्रारंभ किया गया था। इस योजना का कार्य 13 दिसम्बर 2014 को पूर्ण होना था। यह योजना 33 करोड 67 लाख रूपये की थी। 7 साल बाद भी यह योजना आज भी अधूरी है। शहर की जनता को सपना दिखाया गया था कि पेयजल योजना पूरी होते ही बिना मोटर लगाये पानी तीसरी मंजिल तक पहुंच जायेगा लेकिन यह सपना पूरा नहीं हुआ। निर्माण एजेंसी मेसर्स एफएमसी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. कम्पनी महाराष्ट्र को दिया गया था।
जल वितरण निजी कम्पनी के हाथ में-
शहर में पेयजल वितरण का काम निजी कम्पनी बीटीएल के पास है। यह कम्पनी शहर में पेयजल वितरित करती है। पाईप लाईन बिछाने तथा मेंटेनेंस का काम भी इसी कम्पनी के पास है। यह कम्पनी कलकत्ता की है। इस कम्पनी को 5 साल के लिये नगरपालिका नीमच ने अधिकृत किया है। अब शहर में बिजली समस्या को लेकर पेयजल का वितरण अनियमित किया जा रहा है। ऐसे संकेत नीमच नगरपालिका अध्यक्ष ने दिया है। शहर ऋतु में दो दिन छोडकर पानी उपलब्ध कराना यह जनहित में नहीं है। बिजली की समस्या बताकर नगरपालिका के जनप्रतिनिधि पल्ला झाड रहे हैं।
वर्मा ने बताया कि जाजू सागर बांध की क्षमता 276.262 मिलियन घनफिट है। बांध की उंचाई 1511.0 फिट है तथा लम्बाई 15100 फिट है। वर्तमान में डेम में लगभग 22 फिट पानी है। शहर में प्रतिदिन 4 लाख गैलन पानी व्यर्थ में बहता है। पूर्व की अमृत पेयजल योजना अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसके बाद भी 5 करोड रूपये की अमृत-2 अटल नवीनीकरण योजना लेकर आना क्या न्यायसंगत है?