नीमच। शहर की जागरूक अग्रणी संस्था ने आज फोर जीरो चौराहे पर चम्बल का पानी नीमच लाने के लिये एक घंटे का सांकेतिक धरना दिया। कृति के सदस्यों के अतिरिक्त संकल्प पर्यावरण संस्था व नगर के गणमान्य नागरिकों ने भी धरने में हिस्सा लेकर चम्बल के पानी की मांग को अपना समर्थन दिया।
कृति के अध्यक्ष भरत जाजू ने कहा कि कृति संस्था विगत पन्द्रह वर्षों से चम्बल का पानी नीमच को मिले यह मांग उठाती आई है। कृति संस्था ने पहले भी इसके लिये रैली, मुख्यमंत्री, विधायक व सांसद को पोस्टकार्ड लिखने का अभियान चलाकर हजारों पोस्टकार्ड जनता से लिखवाए हैं, धरना-प्रदर्शन किये हैं।
लगभग एक वर्ष पहले गांधी सागर समूह जलप्रदाय योजना के तहत जो योजना शासन से स्वीकृत हुई है, वह केवल ग्रामीण क्षेत्र के लिये है, उसमें नीमच जिले के गांवों को लाभ मिलेगा। नीमच, जावद, मनासा, जीरन, रामपुरा नगरीय क्षेत्र को इसमें सम्मिलित नहीं किया गया है। नीमच के विधायक कई मंचों पर इस बात की सार्वजनिक घोषणा कर चुके हैं कि नीमच के लिये चम्बल के पानी की योजना स्वीकृत हो चुकी है जो हकीकत से परे हैं।
कृति संस्था द्वारा दिये धरने में प्रकाश भट्ट, सत्येन्द्र सिंह राठौर, ब्रजेश सक्सेना, किशोर बागडी, मनोहर सिंह लोढा, डॉ. जीवन कौशिक, डॉ. माधुरी चौरसिया, बाबूलाल गौड़ सहित कई वक्ताओं ने नीमच के साथ सांसद के दोहरे व्यवहार की बात दोहराई व नीमच के विधायक व सांसद से मांग की कि नीमच को चम्बल का पानी मिले। इसके लिये ठोस प्रयास करें। चम्बल से पानी भीलवाडा और मंदसौर शहर को मिल चुका है तो फिर नीमच इससे वंचित क्यों रखा गया।
इस अवसर पर किशोर जेवरिया, डॉ. पृथ्वी सिंह वर्मा, राजेश जायसवाल, नवीन अग्रवाल, सत्येन्द्र सक्सेना, पुष्पलता सक्सेना, महेन्द्र त्रिवेदी, मुकेश कासलीवाल, तेज सिंह जैन, कैलाश बाहेती, दिलीप दुबे, रामगोपाल पाटोदी, नरेन्द्र पोरवाल, मदन वर्मा, नरेन्द्र लोढा, अशोक सागर आदि कई गणमान्य नागरिक धरने में सम्मिलित थे।