भवानीमंडी। आंखें ईश्वर की अनमोल धरोहर है और किसी को नेत्र ज्योति प्रदान करना सबसे बड़ा परोपकार का कार्य है। यही कारण है कि नेत्रदान के प्रति लोगों का उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है।
भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि लगातार नगर में हो रहे नेत्रदान के कार्यों से प्रेरित होकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्योग व्यापार मंच के प्रदेश महामंत्री एवं रेडीमेड गारमेंट व्यवसाय एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ गगनदीप होरा और आपकी धर्मपत्नी मनमीत कौर होरा ने अपनी 17 वीं विवाह वर्षगांठ पर संयुक्त नेत्रदान का संकल्प लेकर प्रेरणास्पद कार्य किया है।
गारमेंट व्यवसाई गगनदीप होरा ने बताया कि लगातार भवानीमंडी नगर के नेत्रदान के समाचारों ने उन्हें अत्यंत गौरवान्वित किया है, और समाचार पत्रों में भवानीमंडी के नेत्रदान समाचारों को पढ़कर काफी समय से उनकी भी इच्छा नेत्रदान के संकल्प को करने की थी, ऐसे में विवाह वर्षगांठ को उपयुक्त अवसर मानकर नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल के माध्यम से उन्होंने नेत्रदान का संकल्प लेने का निश्चय लिया। जब उन्होंने अपनी धर्मपत्नी मनमीत कौर से नेत्रदान के संकल्प विषय में बात की तो मनमीत कोर भी नेत्रदान के संकल्प के लिए तुरंत राजी हो गई, नेत्रदान का संकल्प लेते हुए गगनदीप ने कहा कि मृत्यु के पश्चात हमारी आंखें किसी के कुछ काम आ जाए यह तो बहुत बड़ा परोपकार है, गगनदीप ने सभी नगरवासियों से नेत्रदान के कार्यों के लिए आगे आने की अपील की है।
वहीं मनमीत कौर ने कहा कि नेत्रदान का संकल्प लेकर उन्हें गौरव की अनुभूति हो रही है, कुछ दिनों पूर्व गुरु नानक देवजी का जन्म दिवस गुरुपर्व उन्होंने मनाया है एवं सिख धर्म हमेशा त्याग और परोपकार की शिक्षा देता है। इसी ने उन्हें नेत्रदान संकल्प के लिए प्रेरित किया है।
नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल के अनुसार वैसे भवानीमंडी में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी नेत्रदान के प्रति काफी उत्साह देखने को मिल रहा है, लोगों में जन्मदिन और विवाह वर्षगांठ को नेत्रदान का संकल्प लेकर मनाने का उत्साह देखने को मिल रहा है, जहां इस वर्ष में 780 से अधिक लोग अपने नेत्रदान का संकल्प कर चुके हैं, वहीं इसमें 150 दंपत्तियों के द्वारा इस वर्ष में अपनी विवाह वर्षगांठ को नेत्रदान का संकल्प लेकर सेलिब्रेट किया गया है। अभी तक कुल नेत्रदान संकल्प करने वालों की संख्या 3950 के आसपास पहुंच चुकी है, वहीं क्षेत्र से इस वर्ष में रिकॉर्ड 21 जोड़ी नेत्रदान प्राप्त हो चुके हैं। जबकि कुल नेत्रदान की संख्या 71 जोड़ी तक पहुंच गई है।