रेवली देवली। नीमच जिले के नजदीक का एक छोटा सा गांव हमेशा ही जिले में सुर्खियों में बना रहता है। इस बार भी रेवली देवली की बेटियों ने फिर कमाल कर दिया पिछले दिनों के बारे में आप सभी को विदित होगा की रेवली देवली की बेटी रवीना शर्मा ससस्त्र सीमा बल की टीम का नेतृत्व करते हुए केरल में शूटिंग प्रतियोगिता में अपने जौहर दिखाए वही अब रेवली देवली की बेटी विनीता कुमावत ने विपरीत परिस्थितियों में अपने मेहनत के बल पर मध्यप्रदेश में पुलिस भर्ती में 6000 अभ्यर्थियों में 19 स्थान हासिल किया है जोकि रेवली देवली सहित नीमच जिले के लिए गौरव की बात है। रेवली देवली के पूर्व सरपंच स्वर्गीय सुरेश कुमावत एडवोकेट की छोटी बेटी ने अपने पिता को कोराना कॉल कि भयावह लहर में खो दिया था तथा पिता के जाने के बाद किसी पर क्या गुजर सकती है वह स्वयं जानता है लेकिन इस बेटी ने इन विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लगातार मेहनत तथा अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए दिन रात मेहनत की तथा अपने चाचा रमेश कुमावत , दिनेश कुमावत, जीवन कुमावत के स्नेह एवं प्रेम के आगे हार नहीं मानी और लगातार अपने प्रयास जारी रखें तथा आज इस मेहनत के बल पर उसने पुलिस भर्ती परीक्षा में मध्य प्रदेश लेवल पर 19 स्थान हासिल किया जोकि एक बेटी के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी साथ ही रेवली देवली की किसान परिवार की एक बेटी पूजा जगदीश नागदा ने भी अपनी मेहनत के बल पर लगातार प्रयास कर पुलिस विभाग में चयन हुआ तथा अपने पिता जगदीश नागदा जो कि एक किसान है सपनों को साकार किया. इस तरह रेवली देवली की बेटियां लगातार हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है तथा एक छोटा सा गांव होने के बावजूद लगातार अपनी परिश्रम की पराकाष्ठा से इस गांव का नाम रोशन कर रही है जिससे ग्रामवासी इन बेटियों पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं का इस तरह तैयारी करना कांटो भरा ताज है-
गांवों में अलसुबह दौड़ लगाते युवा तो आमतौर पर नजर आते हैं लेकिन लड़कियां शायद ही दिखें। लोग सुबह की दिनचर्या की शुरुआत चाय के साथ तो मध्य प्रदेश के नीमच जिले के गांव रेवली देवली की लड़कियां मैदान पर पसीना बहाकर दिन की शुरुआत करती हैं। यह दौड़ धूप महज फिट रहने के लिए नहीं बल्कि देश सेवा के लिए है। लड़कियों के मन में देश सेवा करने का जज्बा ऐसा है कि गांव की बेटियां सेना एवं पुलिस में भर्ती होना चाहती हैं। इसके लिए सुबह के समय प्रतिदिन 5 किलोमीटर तक दौड़ लगा रही हैं।
इतना ही नहीं इस भागदौड़ के साथ-साथ वो अपनी पढ़ाई भी सुचारु रूप से कर रही हैं तो वहीं साथ ही घरेलू काम में भी माता पिता का हाथ बंटाती हैं। अब दूसरें गांवों की लड़कियां भी इनसे प्रेरणा ले रही हैं। इससे पहले भी रेवली देवली की बेटियां खेलों में अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं, मगर रेवली देवली ग्रामीण माहौल में बेटियों को सुबह के अंधेरें में दौड़ने के लिए भेज पाना हर माता-पिता के लिए आसान नहीं है, मगर इस गांव के अभिभावकों ने इस परिपाटी को बदला है।
स्नातक स्तर की कर रही है पढ़ाई-
गांव के किसानों की बेटियां... स्नातक स्तर की कालेज में पढ़ाई कर रही हैं। कालेज जाने से पूर्व सुबह 6 बजे से 8 बजे सेना एवं पुलिस में भर्ती होने की ग्राउंड पर तैयारी करती हैं। सेना की भर्ती के लिए अपने गांव लगातार दौड़ लगाती हैं। इसके बाद कालेज में पढ़ाई करने जाती हैं। सेना में भर्ती हो सकें इसके लिए परिजन भी बेटियां का सहयोग कर रहे हैं। परिजन सुबह के समय बेटियां को समय पर उठाने के साथ स्कूल तक छोड़कर आते हैं।
‘कोरोना काल में पापा के चले जाने के बाद मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा लेकिन नियति को कौन बदल सकता है। लेकिन मैंने अपने पापा को सपनों को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत की तथा दादाजी एवं मेरे तीनों चाचा एवं मेरी मां ने मेरा भरपूर सहयोग किया जिससे आज मैंने अपने पापा के सपनों को साकार किया।- विनीता कुमावत रेवली देवली
‘पापा ने हमेशा ही मुझे प्रोत्साहित किया एवं बड़े भाई सोनू नागदा ने मार्गदर्शन,लगातार मेहनत करने के लिए प्रेरित किया आज पापा को खुशी है कि में अपनी पुलिस विभाग में सेवाएं दूंगी।- पूजा नागदा रेवली देवली