भवानीमंडी। नेत्रदान के प्रति लोगों में सकारात्मकता काफी बढ़ती जा रही है, एवं केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी इस विषय में काफी आगे आ रही है और अपने परिवारजनों के नेत्रदान करवाने का निर्णय ले रही है।
भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि उज्जैन निवासी नवदीप सिंह अपनी बहन कमलप्रीत कौर से मिलने भवानीमंडी आए हुए थे, यहीं पर गुरुवार सुबह अचानक उन्हें हृदयाघात हुआ और हॉस्पिटल में ले जाने के बाद भी बचाया नहीं जा सका, दुख के क्षणों में भी बहिन कमलप्रीत कौर ने हिम्मत रख कर अपने भाई का नेत्रदान करवाने का निर्णय लिया, एवं स्वयं पहल करके पति इन्दजीत सिंह और स्वसुर प्रीतम सिंह से नेत्रदान के बारे में चर्चा की, सहमति होने पर परिवार सदस्य एवं समाजसेवी देवेंद्रपाल सिंह छाबड़ा के द्वारा सूचना देने पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड ने कार से भवानीमंडी पहुंचकर कोर्निया प्राप्त किया। घर पर उपस्थित सभी परिवारजनों के सामने नेत्रदान संपन्न हुआ, उपस्थित सभी महिलाओं, व्यक्तियों और बच्चों ने नेत्रदान की प्रक्रिया को अच्छी तरह से देखा और जाना की नेत्रदान में किसी भी तरह की चेहरे पर विकृति नहीं आती है, इसमें केवल आंखों के ऊपर की झिल्ली जिसे कोर्निया कहा जाता है को ही लिया जाता है, इसमें पूरी आंख नहीं निकाली जाती है, यह रक्तहीन प्रक्रिया 10 मिनट में ही पूरी हो गई। नेत्रदान प्रक्रिया में देवेंद्रपाल सिंह, प्रीतम सिंह, हरदीप सिंह, रविन्द्र सिंह, सुमित सिंह आदि ने सहयोग किया।
नेत्र उत्सरक डॉ कुलवंत गौड ने बताया कि नवदीप सिंह का कॉर्निया अच्छा पाया गया है इसे आई बैंक जयपुर भिजवा दिया गया है जहां यह दो नेत्रहीनों को नई रोशनी दे सकेगा।
देवेंद्रपाल सिंह छाबड़ा ने और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि उनका पूरा परिवार नेत्रदान के प्रति अत्यंत सकारात्मक है एवं 4 वर्ष पूर्व अपने पिता हरबंस सिंह छाबड़ा के नेत्रदान के समय नेत्रदान प्रक्रिया को पूरे परिवार ने प्रत्यक्ष देखा था उसी से प्रेरित होकर कमलप्रीत कौर ने अपने भाई का नेत्रदान करवाने का निर्णय लिया। वहीं गुरु गोविंद सिंहजी के जन्मोत्सव प्रकाश पर्व पर परोपकार के इस कार्य की सभी समाज सदस्यों ने सराहना की।
नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल के अनुसार भवानीमंडी में नेत्रदान के कार्य का प्रारंभ वर्ष 2013 में देवेंद्र जैन के नेत्रदान से प्रारंभ हुआ था, कुछ दिनों बाद ही चंद्रकांता जैन का नेत्रदान और प्राप्त हुआ और धीरे-धीरे सभी नगरवासियों के सहयोग से यह क्रम बढ़ता गया, नवदीप सिंह के रूप में शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से यह भवानीमंडी क्षेत्र से प्राप्त 75 वाँ नेत्रदान है, जोकि पूरे झालावाड़ जिले में सबसे अधिक है एवं कोटा संभाग में कोटा के बाद सर्वाधिक है, जिसके माध्यम से 150 से अधिक नेत्रहीनों को नई रोशनी दी जा चुकी है, वर्ष 2022 में 30 दिन में रिकॉर्ड 9 नेत्रदान प्राप्त करके जहां भवानीमंडी ने पूरे कोटा संभाग में एक कीर्तिमान को स्थापित किया है, वहीं पहली बार ग्रामीण क्षेत्र सिंहपुर से भी नेत्रदान प्राप्त हुआ है, भवानीमंडी में नेत्रदान के प्रति जागरूकता इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि किसी मृतक के देहावसान के पश्चात मृतक के परिजन स्वयं आगे होकर नेत्रदान के लिए आगे आने लगे हैं, वहीं नगर के 4000 लोगों ने मरणोपरांत अपनी नेत्रदान का संकल्प लिया हुआ है। नेत्रदान का संकल्प लेने में इस वर्ष झालावाड़ जिला कलेक्टर डॉ भारती दीक्षित एवं जिला पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर के द्वारा भी योगदान दिया गया है वहीं उप जिला कलेक्टर भवानीमंडी कमलकुमार मीणा के द्वारा नेत्रदान का संकल्प लिया गया है।