नीमच। चालीहा सिंधी महोत्सव, जिसे चालियो साहिब के नाम से भी जाना जाता है, सिंधी हिंदू समाज का एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। यह 40 दिवसीय आयोजन सिंधी समाज के आराध्य देव और जलदेव भगवान श्री झूलेलाल को समर्पित होता है।
चालीस दिवसीय पूज्य श्री चालीहा महोत्सव-2025 का प्रारंभ इस वर्ष 16 जुलाई, बुधवार को विकास नगर स्थित श्री झूलेलाल मंदिर पर पंचामृत अभिषेक, भजन-कीर्तन, आरती, पल्लव व अरदास के साथ हुआ था। इसका भव्य समापन आज 25 अगस्त, रविवार को भाद्रपद मास के चंद्र दर्शन पर श्री भाग्येश्वर महादेव मंदिर स्थित श्री गोविंदराम आलमचंद हाल में किया जाएगा।
समिति के संरक्षक नारायणदास होतवानी, अध्यक्ष दिलीप लालवानी तथा सेवादार रमेश केवलानी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह चालीस दिवसीय पर्व श्री झूलेलाल बहराणा समिति एवं श्री चालीहा उत्सव समिति के संयुक्त तत्वावधान में पूरे सिंधी समाज द्वारा बड़े हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान समिति द्वारा समाजजनों के घर-घर जाकर निरूशुल्क श्री बहराणा साहेब का आयोजन किया गया।
समापन समारोह के अंतर्गत शाम 6 से 8 बजे तक भगवान श्री झूलेलाल का आकर्षक श्रृंगार कर आलौकिक दरबार सजाया जाएगा। दरबार में भव्य श्री बहराणा साहेब का आयोजन होगा, जिसमें भजन प्रवाहक भक्तिपूर्ण भजनों की प्रस्तुतियां देंगे। भगवान झूलेलाल को छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे तथा पुष्प व इत्र की वर्षा होगी।
आयोजन का मुख्य आकर्षण पारंपरिक सिंधी छेज़ रहेगा, जिसमें समाज के पुरुष व मातृशक्ति नृत्य कर भगवान श्री झूलेलाल को रिझाएंगे। अंत में सभी समाजजनों के लिए भोजन महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा।