नीमच। शहर में आज इनरव्हील क्लब द्वारा जल संरक्षण और भूजल संवर्धन के महत्व पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सुआखेड़ा स्थित ज्ञानोदय इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी में संपन्न हुआ।कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. सुधीन्द्र मोहन शर्मा थे, जो पेयजल सुरक्षा के पूर्व मुख्य नोडल अधिकारी हैं। उन्होंने गिरते भूजल स्तर के गंभीर परिणामों के प्रति उपस्थित जनों को सचेत किया। डॉ. शर्मा ने बताया कि भविष्य में जल संकट से बचने के लिए अभी से प्रयास करने होंगे। उन्होंने बारिश के पानी के संचयन के विभिन्न तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार इस प्राकृतिक संसाधन का उचित उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने यह भी साझा किया कि पृथ्वी पर कुल पानी का 97.5ः हिस्सा खारा है, जिससे भूजल का महत्व और भी अधिक हो जाता है।इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में ज्ञानोदय इंस्टिट्यूट के छात्रों के साथ-साथ इंजीनियर एसोसिएशन, रोटरी क्लब और कृति के सदस्यों ने भी भाग लिया।कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती और ओलिवर गोल्डी के चित्र पर दीप प्रज्वलन से हुई। कार्यक्रम का संचालन सरोज गांधी ने किया, और इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर छाया जायसवाल, अनिल चौरसिया, मीनाक्षी शर्मा, दर्शन सिंह गांधी, संगीता जोशी, अमरजीत छाबड़ा, प्रेरणा शर्मा, पृथ्वी सिंह वर्मा, तृप्ति दुआ, हेमांगिनी त्रिवेदी, डॉ. हेमंत प्रजापति, अलका चड्ढा, सिम्मी सलूजा,शारदा तौर और गणमान्य नागरिक शामिल रहे। कार्यशाला का उद्देश्य समाज में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था, ताकि हम सब मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचा सकें।