मोरवन। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शनिवार सुबह मोरवन डैम लबालब हो गया और वेस्टवेयर (चादर) से पानी झरने की तरह बहने लगा। जिले की सबसे बड़ी सिंचाई योजना, 52 फीट भराव क्षमता वाले मोरवन डैम से पानी छोड़े जाने पर क्षेत्र के किसानों सहित स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। डैम से बहता पानी और नीमच-सिंगोली रोड के नीचे झरने का मनोरम दृश्य देखने के लिए लोग दूर-दराज से पहुंच रहे हैं। चादर चलने पर लोग नहाने का आनंद भी ले रहे हैं।
किसानों को होगा फायदा-
मोरवन डैम की भराव क्षमता 15.7 मिलियन क्यूबिक मीटर है। डैम से निकली 20 किमी लंबी मुख्य नहर के माध्यम से करीब 2 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होगी। मुख्य नहर से 14 किमी लंबी दो शाखा नहरें लोद और रुपपुरा निकलती हैं, जिनसे 7 छोटी नहरें जुड़कर 15 किमी क्षेत्र को सींचती हैं। इन नहरों से लगभग 5 हजार किसानों की जमीन को पानी मिलेगा।
18 गांवों को मिलता है लाभ-
मोरवन डैम की नहरों से 18 गांवों के किसान सिंचाई करते हैं। इनमें चौकानखेड़ा, लालपुरिया, बावल, सरवानिया महाराज, समेल, गणेशपुरा, बरखेड़ा मीणा, मुंकदपुरा, उपरेड़ा, नानपुरिया सहित जावद क्षेत्र के अन्य गांव शामिल हैं। डैम के निर्धारण क्षेत्र में बने कुओं से सरवानिया महाराज और जावद कस्बे को पेयजल आपूर्ति भी होती है।