चीताखेड़ा । जैन धर्म का श्रेष्ठतम पर्व पर्युषण महापर्व बुधवार से आरंभ हो चुका है। आठ दिनों तक चलने वाले इस आध्यात्मिक पर्व में तप, भक्ति और आराधना का दौर जारी है। श्री मुनीसुव्रत स्वामी एवं श्री चंद्रप्रभु बड़ा जिनालय पर प्रतिदिन जैन अनुयायी धर्म लाभ ले रहे हैं।
श्री चंद्रप्रभ जैन श्वेतांबर ट्रस्ट अध्यक्ष सुनील कुमार सगरावत एवं सचिव शांतिलाल सगरावत ने बताया कि पर्युषण पर्व के अवसर पर चीताखेड़ा में अहिंसा परमो धर्म की गूंज सुनाई दे रही है। प्रतिदिन सुबह से रात तक विविध धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हो रहे हैं-
प्रातः 5 बजे प्रतिक्रमण
प्रातः 7 बजे प्रक्षाल एवं केसर पूजा
7:30 बजे स्नात्र पूजा
11 बजे प्रभु की अंगरचना एवं आरती
दोपहर 1 बजे नवपद पूजा व प्रभावना
शाम 6 बजे प्रतिक्रमण
7 बजे आरती
रात 8:30 बजे प्रभु भक्ति
इन दिनों जिनालय और आराधना भवन को विद्युत सज्जा व फूलों से आकर्षक रूप से सजाया गया है। प्रतिदिन कल्पसूत्र वाचन का लाभ श्रद्धालु ले रहे हैं। भगवान मुनिसुव्रत स्वामी और श्री चंद्रप्रभु जी की प्रतिमाओं की अंगरचना छोटे-छोटे श्रावक-श्राविकाओं और परिवारजनों द्वारा विविध रूप से की जा रही है।
कल होगा भगवान महावीर का जन्म वाचन-
पर्युषण महापर्व के अंतर्गत कल रविवार को श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय में कल्पसूत्र वाचन के दौरान भगवान महावीर स्वामी के जन्म वाचन का आयोजन होगा।
श्री चंद्रप्रभ जैन श्वेतांबर ट्रस्ट अध्यक्ष सुनील सगरावत एवं जिनालय ट्रस्ट सचिव कारुलाल झातरिया ने बताया कि जन्म वाचन के अवसर पर त्रिशला माता के 14 स्वप्नों का वर्णन होगा। इसके पश्चात भगवान महावीर के बाल स्वरूप को पालना में झुलाया जाएगा। पालना जी को लेकर ढोल-धमाकों के साथ निर्धारित मार्गों से भव्य वरघोड़ा भी निकाला जाएगा। इस अवसर पर जैन समाज के अनुयायी अपने व्यवसाय व प्रतिष्ठान बंद रख धार्मिक आयोजनों में सहभागी बनेंगे।