नीमच। नए दृष्टिकोण वाला शिविर के अंतिम दिन आज पूज्य परम आलय जी द्वारा स्वअनुशासन, दिनचर्या, भोजन, पानी पीने आदि के नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। शिविर के छठे दिन उपस्थित बड़ी संख्या में लोगों को व्यायाम एवं योग के गहरे भाव, सूत्र और प्रयोगों के बारे में बताया गया।
परम आलय जी ने कहा कि सात्विक भोजन शरीर की गहराई बढ़ाता है। हम भोजन में गलत वस्तुओं का इस्तेमाल ना करें। बच्चों को फास्ट फूड और अल्कोहल से बचाए। नाश्ते सहित दिन में 3 बार ही खाना खाना चाहिए। जहां तक संभव हो पानी भी तीन बार पीना चाहिए। आपने कहा कि चावल हरी सब्जी के साथ खाना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। परम आलय जी ने यह भी मशवरा दिया कि ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए। अनुशासित जीवन जीने के बारे में खासकर कहा कि स्वअनुशासन सारे शासन की आधारशिला है। समझ वाला अनुशासन बहुत जरूरी है।
ज्ञात रहे कि नया दृष्टिकोण वाला शिविर नीमच के राठौर परिसर में लगातार पिछले 6 दिनों से आयोजित हो रहा है। आज छठे दिन आयोजन समिति द्वारा पूज्य परम आलय जी का मंच पर अभिनंदन कर आभार ज्ञापित किया गया। उद्योगपति सुमित सिंघानिया, महावीर जैन, संदेश एवं अन्य सदस्यों ने परम आलय जी, शून्य जी एवं शिविर में उपस्थित होने वाले प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। छह दिवसीय नया दृष्टिकोण वाला शिविर जीवन जीने की कला सिखाने के अपने उद्देश्य में नीमच वासियों की दृष्टि में काफी सफल रहा।