अजमेर। महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की महाना छठी शरीफ शुक्रवार को अकीदत के साथ मनाई गई। उर्स से पहले इस छठी शरीफ में उर्स जैसा ही माहौल रहा। हजारों जायरीन छठी की दुआ में शामिल हुए। जुमा पर छठी शरीफ में जायरीन की अच्छी खासी भीड़ उमड़ी। हजारों की तादाद में दूसरे राज्यों के जायरीन पहुंचे। खुदामे ख्वाजा ने छठी की रस्म अदा कराई। इस मौके दुआ भी की गई।
सुबह 9 बजे दरगाह के अहाता-ए-नूर में छठी की रस्म की शुरुआत हुई। पहले कुरआन शरीफ की तिलावत की गई। शिजराख्वानी की गई। अंजुमन सैयद जादगान के सदर सैयद गुलाम किरिया चिश्ती ने दुआ कराई। फातिहा के बाद लंगर आयोजन हुआ। इधर, अंजुमन शेखजादगान की ओर से भी नजरोनियाज दिलाई गई। गौरतलब है कि इस माह में दो बार छठी शरीफ हुई। इसी माह की एक तारीख को भी छठी शरीफ की रस्म अदा की गई थी। जुमा होने से दरगाह बाजार में सुबह पैर रखने की भी जगह नहीं थी। छठी की दुआ के बाद से लोग दरगाह परिसर में जुमे की नमाज के लिए शाहजहानी मस्जिद में बैठना शुरू हो गए थे। इसके बाद जैसे जैसे जुमे की नमाज का वक्त करीब आता गया। दरगाह परिसर में सफ बनाने के लिए जगह नहीं बची। नमाजियों ने दरगाह बाजार, अंदरकोट सहित आसपास की गलियों में सफ बनाकर नमाज अदा की। देर से पहुंचे लोग नमाज के लिए जगह की तलाश में रहे।