चित्तौड़गढ़। सांसद सीपी जोशी ने भारत सरकार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (वन्य जीव प्रभाग) द्वारा झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में सम्मेद शिखर जी पर्वत क्षेत्र और उसके आसपास वन्यजीव अभयारण्य और पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र (ईको सेन्सिटिव जोन) की पवित्रता की रक्षा करने के लिए झारखंड सरकार को जारी निर्देशों का स्वागत करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय पर्यटन मंत्री का आभार व्यक्त किया ।
सांसद जोशी ने जैन समाज के इस मुद्दे पर प्रभावी कार्रवाई करते हुए नई दिल्ली में केंद्र सरकार के केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट से मिलकर शीघ्र समाधान के लिए अनुरोध किया था।
सांसद जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर जी पर्वत क्षेत्र जैन धर्म का विश्व का सबसे पवित्र और पूजनीय तीर्थ स्थान मानते हुए जैन समुदाय के साथ-साथ समूचे देश के लिए इसकी पवित्रता और महत्व को स्वीकार किया है और इसे बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य की प्रबंधन योजना, जो पूरे पारसनाथ पर्वत क्षेत्र की रक्षा करता है, के खंड 7.6.1 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाए,जिनके अनुसार पारसनाथ पर्वत क्षेत्र पर शराब, ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री करना तेज संगीत बजाना या लाउडस्पीकर का उपयोग करना; धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के अपवित्र स्थल जैसे पवित्र स्मारक, झीलें, चट्टानें, गुफाएँ और मंदिर; हानिकारक वनस्पतियों या जीवों पर्यावरण प्रदूषण के कारण जंगलों, जल निकायों, पौधों, जानवरों के लिए हानिकारक कार्य करना या ऐसे स्थलों की प्राकृतिक शांति को भंग करना, पालतू जानवरों के साथ आना और पारसनाथ पर्वत क्षेत्र पर अनधिकृत कैंपिंग और ट्रेकिंग आदि की अनुमति नहीं है। पर्यटन, कला, संस्कृति, खेल और युवा मामले विभाग, झारखंड सरकार के का. जा. सं. पर्या० यो०- 14/2010-1995 दिनांक 21.12.2022 के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा पारसनाथ पर्वत क्षेत्र पर शराब एवं मांसाहारी खाद्य वस्तुओं के विक्रय एवं उपभोग पर प्रतिबंध को भी कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए।
संस्कृति, खेल और युवा मामले विभाग, झारखंड सरकार के का. जा. स. पर्या० यो०-14/2010-1995 दिनांक 21.12.2022 के संदर्भ में, राज्य सरकार द्वारा पारसनाथ पर्वत क्षेत्र पर शराब एवं मांसाहारी खाद्य वस्तुओं के विक्रय एवं उपभोग पर प्रतिबंध को भी कड़ाई से लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं।
इसके अतिरिक्त 2 अगस्त, 2019 को जारी इको सेंसिटिव जोन अधिसूचना एस.ओ. 2795 (ई) के संदर्भ में, पवित्र पार्श्वनाथ पर्वत क्षेत्र से परे एक बफर जोन की रक्षा के लिए जारी किया गया उक्त इको सेंसिटिव जोन अधिसूचना के खंड 3 के प्रावधानों के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाई जाती है, जिसमें अन्य सभी पर्यटन और इको-टूरिज्म गतिविधियां शामिल हैं। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।