चित्तौड़गढ़। ब्रम्हाकुमारी सेवा केंद्र के प्रताप नगर सेवा स्थान पर गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें सेवा केंद्र की संचालिका राजयोगिनी आशा दीदी ने बताया कि गुरु का महत्व जीवन में क्या है। उन्होंने कहा संसार में गुरु बने हैं जैसे कि बच्चे का प्रथम गुरु अपनी माता है फिर पिता स्कूल में जाओ तो शिक्षक इस तरह कई सारे गुरु हमें ज्ञान की राह दिखाते हैं हमारा मार्गदर्शन करते हैं।
उन्होंने बताया कि परमपिता परमात्मा शिव जो हम सर्व आत्माओं के माता-पिता है परम शिक्षक हैं वह परम सतगुरु है। जो हम सबको गति और सद्गति का मार्ग बताते हैं जिससे हमारे जीवन में सत्कर्म श्रेष्ठ कर्म और पुण्य कर्म जो कि हमारे साथ चलते हैं । सद्गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलते रहे तो अवश्य हम सद्गति प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि परमपिता परमात्मा किस तरह हम सभी को सहज राजयोग की शिक्षा देकर हमें मनुष्य से देवत्व की ओर जाने का सत मार्ग बताते हैं। उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर क्लास में सभी भाई बहनों ने भाग लिया।
बैंक से रिटायर बीके बालकिशन भाई ने गुरु का महत्व सुनाते हुए गीत प्रस्तुत किए। भानु बहन ममता बेन ने सतगुरु का गीत प्रस्तुत किया। ज्ञानवती बहन गीताबेन ने गीत प्रस्तुत किया, बेला बेन अनिता बेन मंजू बेन सभी माताओं ने राजयोगिनी आशा दीदी का सम्मान किया। कंचन बहन ने भी दीदी का सम्मान किया, बेला बहन ने तिलक व पुष्पा हार से सम्मान किया। रेलवे रिटायर्ड अधिकारी सुभाष पुरोहित गिर्राज भाई विष्णु भाई मनोज भाई रिटायर्ड लेखाधिकारी प्रहलाद भाई आदि ने गुरु पूर्णिमा की सबको बधाई दी। अनिता दीदी ने बताया कि आशा दीदी ने कहा कि यदि हम अपनी दिनचर्या में 3 मिनट भी राजयोग अभ्यास करते हैं तो सच्ची मन की शांति अनुभव करते हैं और बहुत लाइट अनुभव करते हैं।