भवानीमंडी। मेड़तवाल समाज भवानीमंडी के द्वारा स्थानीय धर्मशाला में आयोजित 7 दिन से जारी श्रीमद् भागवत कथा का रविवार को समापन हुआ। कथावाचक पंडित सुरेश बिहारीजी नागर के द्वारा जरासंध वध, सुदामा चरित्र, भगवान कृष्ण का देवलोकगमन, तक्षक नाग, भारतीय कालगणना आदि प्रसंगों का वर्णन किया गया।
सुदामा चरित्र के भाव विभोर प्रसंग पर उपस्थित सभी श्रोताओं के आंखों में आंसुओं की धारा बह चली, कथावाचक पंडित सुरेश बिहारीजी नागर ने कहा कि अच्छा मित्र हमेशा हमारी नौका को पार लगाता है, कथा के अंतिम दिवस में भी कथा स्थल मेड़तवाल धर्मशाला का हाल श्रोताओं और श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था, बड़ी संख्या में समाज के एवं नगर के श्रद्धालु पुरुष, नवयुवक एवं महिलाएं उपस्थित थी। कथा के दौरान विभिन्न प्रसंगों पर भजनों की धुन पर श्रद्धालु भक्तजन नृत्य करते नजर आए।
भगवत कथा आयोजन समिति संयोजक प्रकाश गुप्ता एलआईसी एवं ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया मेड़तवाल समाज और मेड़तवाल महिला मंडल के द्वारा समापन दिवस पर कथावाचक पंडित सुरेश बिहारीजी नागर का शाल, श्रीफल भेंट कर, साफा पहनाकर और माल्यार्पण करके स्वागत किया गया, समाज अध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता, उपाध्यक्ष गोविंद गुप्ता, महिला मंडल अध्यक्ष भगवती गुप्ता, नवयुवक संघ अध्यक्ष दिलीप गुप्ता सहित समाज के सभी पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे, इससे पहले ब्रह्माकुमारी संस्थान, मारवाड़ी महिला मंडल, विश्व हिंदू परिषद, प्रभात फेरी महिला मंडल इत्यादि विभिन्न संस्थाओं के द्वारा भी महाराज का शाल, श्रीफल भेंट करके, साफा एवं माला पहनाकर स्वागत सत्कार किया गया था। सात दिन से चली आ रही भागवत कथा आयोजन के समापन पर सामूहिक आरती की गई एवं उपस्थित सभी समाज सदस्यों ने प्रसादी ग्रहण की।
समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराज ने कहा कि भवानीमंडी नगर ने उन्हें काफी प्रभावित किया है, एवं उन्होंने फिर से भवानीमंडी आने की इच्छा प्रकट की.