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August 4, 2023, 6:29 pm
BIG NEWS : इंका नेता हरीश दुआ का बड़ा आरोप, कांग्रेस ने नहीं, 1979 में भाजपा की सरकार में पैदा हुई थी ये जटिल समस्या, तब प्रशासक के हाथों में थी नपा की कमान, पढ़े खबर 

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नीमच। शहर में बंगला-बगीचा समस्या को पैदा करने में भाजपा की बड़ी भूमिका रही है। 1979 में जब भाजपा की सरकार थी, तब समस्या पैदा हुई। क्योंकि परिषद् के अभाव में नपा की कमान प्रशासक के हाथों में थी और तत्कालीन नपा प्रशासक ने बंगला-बगीचा को सुलझाने के बजाए उलझाने का काम किया है। कांग्रेस ने तो समस्या को सुझलाने का प्रयास किया और कांग्रेस के नपाध्यक्षों के समय बंगला-बगीचा समाधान की प्रक्रिया शुरू की गई।
यह आरोप कांग्रेस नेता हरीश दुआ ने प्रेस नोट के माध्यम से लगाया है। उन्होंने कहा कि बंगला-बगीचा समस्या सुलझाने के नाम पर भाजपा नेता श्रेय की राजनीति कर रहे हैं और हमेशा कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करते हैं, लेकिन वे इस बात को भूल जाते हैं कि बंगला-बगीचा समस्या कांग्रेस के शासन में पैदा ही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि नपा का रिकार्ड इस बात की पुष्टि करता है कि बंगला-बगीचा समस्या 1979 में तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में पैदा हुई थी। तब नपा में परिषद्  नहीं थी और प्रशासक विनय शुक्ल थे।
श्री दुआ ने बताया कि जब नपा परिषद् की कमान कांग्रेस के अध्यक्ष के हाथों में आई, तब परिषद् में भाजपा का बहुमत था और परिषद् में विपक्ष के नेता हेमंत हरित उर्फ मंजू मिस्त्री द्वारा बंगला-बगीचा का प्रस्ताव लाया गया था, उस समय भी प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और कांग्रेस की परिषद् होने के बावजूद विपक्ष के नेता हरित के प्रस्ताव को परिषद् में पारित किया, जिसमें आवासीय भूखंड-भवन 25 रूपए प्रति वर्गफुट और व्यावसायिक भूखंड-भवन पर 50 रूपए प्रति वर्गफुट राशि लेकर नियमित करने का निर्णय लिया था गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 में नपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस नीता हरीश दुआ निर्वाचित हुई, तब भी परिषद् भाजपा की थी और प्रदेश में सरकार भी भाजपा की थी। बावजूद पूर्व परिषद् के कार्यकाल में पारित बंगला-बगीचा समस्या निराकरण के प्रस्ताव में आंशिक संशोधन करते हुए आवासीय 50 रूपए प्रति वर्गफुट व व्यावसायिक 100 रूपए प्रति वर्गफुट के मान से बंगला-बगीचा के भवन भूखंडों को नियमित करने का प्रस्ताव पारित कर स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा गया, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकृत करने के बजाए धारा 100 के तहत नीमच नगर पालिका अधिपत्य की बंगला-बगीचा भूमियों को शासन की माना और सरकार के आधिपत्य में लेने के आदेश कलेक्टर को दिए।
कांग्रेस नेता दुआ ने कहा कि सरकार के धारा 100 के तहत बंगला-बगीचा भूमियों को आधिपत्य में लेने के आदेश के खिलाफ तत्कालीन नपाध्यक्ष नीता हरीश दुआ ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर स्टे लिया। इसके बाद प्रदेश की भाजपा सरकार हरकत में आई और मुख्यमंत्री ने नपाध्यक्ष नीता दुआ के साथ मिटिंग की, जिसमें कलेक्टर, तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष मंगल पटवा, तत्कालीन पूर्व विधायक दिलीप सिंह परिहार व जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा को बुलाया गया। उन्होंने कहा कि मिटिंग में तत्कालीन नपाध्यक्ष दुआ ने सीएम से आग्रह किया कि मिटिंग में उनके प्रतिनिधि को भी बैठने दिया, लेकिन सीएम ने आग्रह को अस्वीकार कर दिया। मिटिंग में सीएम ने कहा कि हाईकोर्ट में शासन के खिलाफ लगाई याचिका को वापस लो, इस नपाध्यक्ष नीता दुआ ने सीएम से स्पष्ट कहा कि पहले आप लिखित में दो कि नपा अधिपत्य की बंगला-बगीचा भूमियों का अधिगृहण नहीं करोगे, लेकिन सीएम ने इंकार कर दिया और दुआ को समझाने की जिम्मेदारी विधायक सकलेचा को सौंपी। इसके बाद सकलेचा ने अपने भोपाल स्थित अपने बंगले पर दुआ को भोजन के लिए आंमत्रित किया और भोजन के बहाने प्रेसवार्ता रख दी, लेकिन नपाध्यक्ष ने भाग नहीं लिया।  
दुआ ने कहा कि आखिरकार सीएम को धारा 100 के तहत नपा आधिपत्य की बंगला-बगीचा भूमियों को अधिग्रहण करने का आदेश वापस लेना पड़ा और उसके बाद बंगला-बगीचा समस्या के निदान के लिए सीएम ने कमेटी का गठन किया और समस्या निदान के प्रयास शुरू हुए।


भाजपा ने समस्या को उलझाया, अब ले रहे हैं झूठी वाहवाही-
इंका नेता हरीश दुआ ने आरोप लगाया कि बंगला-बगीचा समस्या को उलझाने में कभी कांग्रेस सरकार या कांग्रेस नपा परिषद् की भूमिका नहीं रही। 2010 के पूर्व बंगला-बगीचा क्षेत्र में भूमियों की रजिस्ट्री हो रही थी, संपत्तिकर जमा हो रहे थे, लेकिन 2010 में शासन ने धारा 100 के तहत बंगला-बगीचा भूमियों के अधिगृहण का आदेश दिया और रजिस्ट्री पर रोक लगी। उसके पूर्व भी 1979 में भाजपा सरकार में बंगला-बगीचा समस्या पैदा की गई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ही बंगला बगीचा समस्या पैदा की और अब समस्या हल करने के नाम पर झूठी वाहवाही लूट रहे हैं। 
दुआ ने आरोप लगाया कि विधायक परिहार और पूर्व नपाध्यक्ष राकेश पप्पू जैन की आपसी लड़ाई के कारण बंगला-बगीचा समस्या सुलझने के बजाए उलझ गई है। दुआ ने कहा कि जब नपाध्यक्ष रहे राकेश पप्पू जैन के कार्यकाल में बंगला-बगीचा समस्या समाधान का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, तब भाजपा के जिला अध्यक्ष हेमंत हरित उर्फ मंजू मिस्त्री थे, अगर पप्पू जैन सीएम के समक्ष अड़ जाते और बताते कि पूर्व में भेजा गया प्रस्ताव भी वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष का था, तो आज बंगला-बगीचा समस्या समाधान का प्रारूप ही जनहित में होता, पर दुर्भाग्य है, लेकिन आपसी विवाद और समन्वय के अभाव में समस्या आधी-अधूरी ही सुलझ पाई।

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