नई दिल्ली। कैश-फॉर-क्वेरी मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। कमेटी की रिपोर्ट के उनके निष्कासन के प्रस्ताव भी पेश हुआ। इसके बाद वोटिंग हुई और उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया।
चर्चा के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें पैनल मीटिंग में बोलने का मौका मिला था।
शुक्रवार 8 दिसंबर) को लोकसभा में पेश की गई एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश और कानूनी जांच की मांग की गई थी। हालांकि टीएमसी ने मांग की थी कि 500 पेज की रिपोर्ट पढ़ने के लिए 48 घंटों का समय दिया जाए।
सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, चार मिनट बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। 12 बजे एथिक्स कमेटी चेयरमैन विजय सोनकर ने रिपोर्ट पेश की। लोकसभा में इस पर सदन में 3 बार हंगामा हुआ। दो बार कार्यवाही स्थगित हुई। दोपहर 2 बजे से तीसरी बार महुआ के निष्कासन पर वोटिंग हुई।