उज्जैन। 18 अगस्त को भगवान महाकाल की राजसी (शाही) सवारी निकलेगी। इस दौरान देशभर से श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। पिछली सवारियों के अनुभव को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर पुजारी समिति के महामंत्री महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भगवान महाकाल की सवारी की पालकी के लिए विशेष सुरक्षा की मांग की है।
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि मंदिर प्रबंध समिति के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा पालकी की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। महाकालेश्वर भगवान की राजशाही सवारी और विजयादशमी (दशहरा) पर शमी पूजन के लिए सवारी फ्रीगंज की ओर जाती है, जहां भक्तों की भारी भीड़ होती है।
ऐसे में पालकी को चलाने और मूर्ति की सुरक्षा करने में पुजारियों और कहारों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है, जिसके कारण कई बार उन्हें शारीरिक चोट भी आ जाती है। सवारी के दौरान कई भक्त पालकी के पास जाकर भगवान को स्पर्श करने, माला पहनाने और चरण वंदन करने की कोशिश करते हैं, जिससे भगवान की गरिमा को ठेस पहुंचती है।
भगवान की पगड़ी निकलने का डर
भक्त माला खींचते हैं, कपड़े खींचते हैं। माला पहनाने के दौरान बाबा महाकाल की पगड़ी तक निकल जाने का डर बना रहता है, जो अशोभनीय है। इससे भगवान के विग्रह को क्षति पहुंचने का खतरा रहता है और अव्यवस्था फैलती है। ऐसी स्थिति में कई बार पुजारी, पुलिस और कहार को चोट भी लग जाती है।
सुरक्षा कॉरिडोर बनाए जाएं
बाबा महाकाल की पालकी मंदिर से निकलने से लेकर पुनः मंदिर में सुरक्षित लाने तक की पूरी जिम्मेदारी मंदिर समिति के सुरक्षा अधिकारियों की है। इसलिए महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री से विनम्र निवेदन किया है कि धर्मप्रिय सरकार की ओर से ऐसे आदेश जारी किए जाएं, जिनमें पालकी की सुरक्षा के लिए पूरे सवारी मार्ग को बैरिकेड से सुरक्षित कॉरिडोर बनाया जाए। साथ ही मंदिर समिति के सुरक्षा अधिकारियों की ड्यूटी पालकी के साथ लगाई जाए और यह दायित्व सौंपा जाए कि राजसी सवारी और दशहरे की सवारी में कोई अप्रिय घटना या दुर्घटना न हो।