चित्तोड़गढ़। इत्तिहाद-ए-मुस्लमीन की ओर से कल टीपू सुल्तान रहमतुल्लाहअलैह की यौमे पैदाइश पर दारुल उलूम रजविया बरकातिया नूरे तैबा गांधीनगर में कुरआन ख़्वानी कर खिराजे अकीदत पेश की गई और हज़रत टीपू सुल्तान के बारे में बच्चों को जानकारी दी गई।
टीपू सुल्तान रहमतुल्लाहअलैह का अंग्रेज़ो के दिलों में ख़ौफ़ था, जो शायद ही हिंदुस्तान के किसी सुल्तान या राजा का इतना ख़ौफ़ अंग्रेज़ो के दिलो पर रहा होगा। टीपू सुल्तान ने उस वक़्त अंग्रेज़ो की नींद हराम कर दी थी। जिस दिन टीपू सुल्तान रहमतुल्लाहअलैह शहीद हुए थे, उस दिन ब्रिटेन में जश्न मनाया गया था। अंग्रेज़ो में सुल्तान टीपू का इतना खौफ़ था की उनकी लाश के पास जाने कि अंग़्रेज़ हिम्मत नहीं कर पा रहे थे, जब अंग्रेजों को किसी ने यक़ीन दिलाया की टीपू मारे गए। जब टीपू सुल्तान शहीद हो गए तब गर्वनर जनरल ने कहा था की आज हमने हिंदोस्तान को फ़तह कर लिया।
दारुल उलूम के मौलाना अब्दुल रशीद बरकाती और कारी मोहम्मद शारिक ने दुआ की। इस दौरान शाहिद हुसैन लोहार, आरिफ अली एडवोकेट, जावेद खान, यूनुस मंसूरी, तनवीर खान एडवोकेट, रशीद मोहम्मद उर्फ कालू, वसीम शैख़, तैयब अहमद, हसन बरकाती, अकरम हुसैन, आबिद लोहार, अय्यूब अली, हस्सान रज़ा, खलील अहमद, इरफान शाह, अजीजुर्रहमान, मोइनुद्दीन, मुस्तफ़ा, आबिद रमजान हसनैन रज़ा उपस्तिथ थे।