चित्तौड़गढ़। राजस्थान एनएचएम प्रबंधकीय संविदा कार्मिक संघ राजस्थान जयुपर की चित्तौडगढ शाखा ने आज डॉ रामकेश गुर्जर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को राजस्थान संविदा सेवा रूल्स- 2022 में वर्णित प्रावधानों एवं नियमों तथा नियमितीकरण की मांग को लेकर सामूहिक अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र सौंपा।
संघ के अध्यक्ष राहुल जैन ने बताया कि संविदा कार्मिको के साथ सरकार अन्याय कर रही है। सरकार के द्वारा नये संविदा सेवा रूल्स-2022 के नाम पर पुनः आगामी 5 वर्षाे तक संविदा पर रख नियमित पद सजृन के बाद कार्मिको को नियमित करने के नाम से प्रचारित कर रही है। नियमितीकरण का प्रचार कर संविदा कार्मिको को ढगा जा रहा है। सरकार अपने ने जन घोषणा पत्र वर्ष 2018 में वादा किया था कि संविदा कार्मिकों को स्थाई या नियमितीकरण का वादा किया गया था जो अब तक भी अधूरा है।
नए नियमों में विगत वर्षाे में संविदा कार्मिको के द्वारा किये गये कार्य के वर्षाे के अनुभव को शून्य कर दिया गया है। आकस्मिक अवकाश को भी घटाकर वार्षिक 25 से 12 कर दिए गए हैं, नए नियमों में नियमितीकरण का कही उल्लेख नही किया गया है और ना ही वार्षिक वेतन वृद्धि एवं पुरानी पेंशन योजना का कही हवाला है।
संविदा कार्मिक राज्य स्तरीय महारैली में शामिल होने के लिये रवाना-
जैन ने बताया कि संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान जयुपर के बैनल तले आयोजित होने वाली संविदा महारैली में शामिल होने हेतु जिले से 150 संविदा कार्मिक 23 नवम्बर को रवाना होगे।
महारैली के माध्यम से सरकार को आहवान है कि संविदा मुक्ति दिला से नियमित करो अन्यथा महा आन्दोनल किया जावेगा। संविदा कार्मिको मे आक्रोश व्याप्त है, अल्पवेतन भोगी के साथ सरकार ने अन्याय किया है। शोषित पीडत समस्त सविदांकार्मिक ने पुर जोर मांग की है कि नियममितिकरण एवं सीआरएस रुल्स मे जो सविदां पद है उसको नियमित मानते हुए या सृजित कर सीधा या अनुभव (पाच वर्ष) जोडकर स्क्रीनिगं से नियमित किया जावे। जैन ने बताया कि एनयूएचएम, वर्टिकल कार्यक्रम एंव एनएचएम के समस्त संविदा कार्मिक 24 नवम्बर 2022 को सामुहिक अवकाश पर रहेगे।
इस मौके पर विनायक मेहता, सचिन अग्रवाल, संजना अग्रवाल, राहुल जैन, खुशवन्त कुमार हिण्डोनिया, अनिल शर्मा, रामसिह धाकड, दिग्विजय सिह, प्रकाश नागौरी, मुन्नराम, राजाराम जाट, शंकर वैष्णव, विजेन्द्र चौधरी, शफीक ईकबाल शैख, विकास आचार्य व अन्य संविदा कार्मिक उपस्थित रहे।