पचपहाड़। भारतीय किसान संघ की तहसील योजना बैठक गुरुवार को कृषि उपज मंडी पचपहाड़ में संपन्न हुई। जिला प्रचार प्रमुख महेश मेहर ने बताया कि बैठक में जिला मंत्री मुकेश मेहर व किसान बंधु की मौजूदगी में किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर किए जाने वाले आंदोलन की व्यापक रणनीति बनाई गई।
जिलामंत्री मुकेश मेहर ने कहा कि खाद्यान्न सुरक्षा के साथ किसानों की सुरक्षा भी जरूरी है। किसानों ने भरपूर उत्पादन कर देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है, लेकिन अभी तक किसान की हालत जस की तस है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ का नारा है कि श्देश के हम भंडार भरेंगे और कीमत पूरी लेंगेश्। किसान जो फसल उगाता है उसको लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य अभी तक नहीं मिल रहा है। इसलिए किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि को लाभदायक बनाने के लिए सरकार को महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, स्वच्छता, पर्यावरण जैसे विषयों को संगठन में नीचे लेकर जाना होगा।
भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष पीरूसिंह मोयाखेड़ा ने कहा कि 19 दिसंबर को अपनी मांगों को लेकर श्किसान गर्जना रैलीश् की जाएगी। देशभर के किसान फसलों के लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटेंगे।
उन्होंने अपनी मांगों की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों को अपने उत्पादों की इनपुट क्रेडिट नहीं मिल रही है, इसलिए कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त किया जाना चाहिए। दूसरा कृषि आदान में मुद्रास्फीति वृद्धि के अनुपात में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जानी चाहिए। महंगाई के अनुपात में डीए, भत्ता, इंक्रीमेंट बढ़ता है तो किसान निधि भी सम्मानजनक ही मिले।
सुनेल तहमंत्री पीरू लाल चौधरी ने कहा कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर किसान संघ आंदोलन कर रहा है। क्योंकि सरकारों ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए हैं। इसलिए अब देश भर में भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता ग्राम संपर्क, धरना, पदयात्रा करते हुए 19 दिसंबर को दिल्ली में लाखों की संख्या में किसान गर्जना रैली में शामिल होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करेंगे।
पिपलिया तहसील अध्यक्ष कन्हैया लाल नागर ने कहा कि सरकार को फर्टिलाइजर पर दी जी रही सब्सिडी को कंपनियों को ट्रांसफर करने की बजाए सीधे किसानों के खाते में देनी चाहिए। यह निर्णय किसान का होना चाहिए कि वह किस कंपनी से खाद और कीटनाशक खरीदना चाहता है। यदि सरकार कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली राशि सीधे किसान के बैंक खातों में ट्रांसफर करेगी तो किसान ज्यादा खाद और कीटनाशक खरीदने की बजाय प्राकृतिक खेती की ओर जाएंगे। सब्सिडी के रूप में मिलने वाली राशि से वह मवेशी खरीद सकते हैं और मवेशियों के गोबर से खुद का ऑर्गेनिक खाद तैयार कर खेती में प्रयुक्त कर सकते हैं।
तहसील मंत्री राधेश्याम पाटीदार ने कहा कि भारतीय किसान संघ फसलों के लाभकारी मूल्य की बात करता है। किसान संघ की ओर से एमएसपी यानी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे शब्द का प्रयोग नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ एमएसपी के खिलाफ नहीं है। लेकिन हम एमएसपी को फसल का लाभकारी मूल्य नहीं मानते हैं। भारतीय किसान संघ के मुताबिक फसलों के ऊपर लाभकारी मूल्य फसल की लागत पर डेढ़ गुना मुनाफा जोड़कर घोषित होना चाहिए।
सूखा सामान और खाद्य सामग्री लेकर जाएंगे
तहसील प्रचार प्रमुख शंभू सिंह मोया खेड़ा ने बताया कि 19 दिसंबर कि किसान गर्जना रैली को लेकर बैठक में व्यापक रणनीति तैयार की गई। रैली में पिड़ावा तह से 1000 किसान पहुंचेंगे। । हर गाँव और ढाणी में किसानों से संपर्क करने और जनजागरण की भी चर्चा हुई है। इस दौरान श्चलो न दिल्ली, किसान गर्जना रैली हमें बुलाए.. हमें भी जाना है...श् गीत का लोकार्पण किया गया।
आंदोलन के लिए टोली बनाई भरत श्रृंगी छत्रपुरा प्रताप सिंह सांगली भवानी शंकर पाटीदार बाबूलाल अनिल दिनेश धाकड़ रमेश मैहर भरत पाटीदार बालकृष्ण पाटीदार गौरी किसान सहित किसान बंधु मौजूद रहे
दिल्ली चलो के नारों से गूंजा आसमान
आंदोलन को लेकर रणनीति बनाते हुए किसानों ने बैठक स्थल को ष्दिल्ली चलोष् के नारों से गूंजा दिया। इस दौरान ष्लाभकारी मूल्य देना नहीं एहसान, जीएसटी मुक्त हो कृषि आदान.., हम अपना, अधिकार मांगते, नहीं किसी, से भीख मांगते..., किसानों ने ठाना है, लाभकारी मूल्य पाना है..ष् जैसे नारे गूंजते रहे।