देवास। जिला अस्पताल में पदस्थ एक कर्मचारी की बुजुर्ग मां की तबीयत बिगड़ी तो उपचार के लिए उनको शनिवार शाम को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां इंजेक्शन लगाने के बाद उनको जब घर ले जा रहे थे तो रास्ते में तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद फिर से जिला अस्पताल लाया गया, जहां मौत हो गई। इससे परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करते हुए डॉक्टर व स्टॉफ द्वारा गलत उपचार करने, गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया। बाद में शव एंबुलेंस में लेकर कोतवाली थाने पहुंचे और कार्रवाई की मांग की। यहां पुलिस ने मामला जांच में लिया और पीएम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
्रप्राप्त जानकारी के अनुसार वृद्धा का नाम कोमल धारीवाल है। उनकी मौत के बाद परिजन जिला अस्पताल से लेकर कोतवाली फिर घर तक बिलखते रहे। परिजनों ने कहा कि वो चाय पीकर अच्छी भली आई थीं। जिला अस्पताल में उनको मार दिया गया। महिला के बेटे व जिला अस्पताल के कर्मचारी नंदकिशोर ने आरोप लगाया कि उपचार में देरी व गलत इंजेक्शन से जान गई है। ईसीजी भी समय पर नहीं की गई। नंदकिशोर ने जिला अस्पताल परिसर में कहा कि यहां के डॉक्टरों पर भरोसा नहीं है। पीएम बाहर के डॉक्टर की पैनल द्वारा करवाया जाना चाहिए। इस दौरान नंदकिशोर के आसपास मौजूद परिचित समझाइश देते रहे और ढांढस बंधाने का प्रयास करते रहे।
कोतवाली थाना प्रभारी पवन यादव ने बताया कि वृद्धा के परिजन एंबुलेंस में शव लेकर कोतवाली परिसर में आए थे। उन्होंने आरोप लगाए हैं। जांच व पीएम रिपोर्ट के आधार पर जो भी सामने आएगा, उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।