चित्तौड़गढ़। विधानसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने कृषि विपणन विभाग से प्रदेश के किसानों की कृषि कार्य करने के दौरान व कृषि कार्य से आवागमन के दौरान होने वाली दुर्घटना से होने वाली मृत्यु व कृषि कार्य के पश्चात किये गये कार्याे के प्रभाव से होने वाली आकस्मिक मृत्यु पर मिलने वाली सहायता राशि के बारे में जानकारी चाही गई। जिसके जवाब में सरकार से जानकारी प्राप्त हुई कि किसानों को केवल कृषि कार्य करने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं से मृत्यु या अन्य क्षति होने पर ही मुआवजा राशि प्रदान की जाती है। अन्य किसी प्रकार से मृत्यु होने पर किसानों को कोई सहायता राशि नहीं दी जाती है।
भाजपा मीडिया प्रभारी मनोज पारीक ने बताया कि विधायक आक्या ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर अवगत कराया। आमतौर पर किसान जब खेत में कार्य करता है तो कृषि कार्य करते समय तो दुर्घटना का शिकार होता ही है, लेकिन उक्त कार्य करने के पश्चात भी किसान अपने कृषि कार्य के प्रभाव क्षेत्र से बाहर नहीं आ पाता है। ऐसे में खेती में उपयोग लिये जा रहे रसायनों की गंध के दुष्प्रभाव से अथवा फसल के लिए चिंतित होने से किसान को आकस्मिक हार्ट अटैक अथवा ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्या से गुजरना पडता है, जिससे किसान की असमय मृत्यु हो जाती है। साथ ही कृषि कर्ज इत्यादि विभिन्न अवसादों के चलते भी किसान आत्महत्या कर लेता है। ऐसे में किसानों की किसी भी प्रकार की सामान्य अथवा असामान्य मृत्यु होने पर व कृषि कार्य करते समय अंग भंग क्षति को मुआवजा के लिए पात्र माना जाना चाहिए ताकि पीड़ित किसान परिवार को संबंल मिल सके। साथ ही विधायक आक्या ने मुआवजा राशि बढाकर तत्काल प्रभाव से किसानों के हित में सामान्य असामान्य मृत्यु होने पर भी मुआवजा दिलाने की मांग सरकार से की।