मंदसौर। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विकास केंद्र मंदसौर द्वारा बताया गया कि सभी किसान भाइयों इस समय हो रही बारिश का लाभ लेने के लिए खेतों में खड़ी गेहूं फसल के अवशेषों पर वेस्ट डी कंपोजर का घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं। जिससे फसल अवशेष जल्दी से खाद के रूप में परिवर्तित होकर मृदा को उपजाऊ बनाएंगे साथ ही खेतों में आग लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वेस्ट डी कंपोजर के गोल को तैयार करने के लिए 200 लीटर पानी में 2 किलो गुड़ का गोल बनाकर के अच्छी तरह से मिला देवे, उसके बाद में वेस्ट डी कंपोजर की 20 ग्राम की सीसी का संपूर्ण पदार्थ प्लास्टिक के ड्रम में डालकर अच्छी तरह ये मिक्य करे और गोल को तीन-चार दिन पश्चात एकड़ गेहूं की फसल अवशेष पर पंप की सहायता से छिड़काव कर मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की गहरी जुताई करें, ताकि फसल अवशेष (नरवाई) मिट्टी में अच्छी तरह दब जावे एवं खाद में जल्दी परिवर्तित हो सके।
बैंगन एवं मिर्ची पर लाल मकड़ी नामक कीट का प्रकोप हो रहा है इसके नियंत्रण के लिए फैनाक्वीन 10 प्रतिशत इसी की 1 मिलीलीटर मात्रा या एजाडिरेक्टीन 1500 पीपीएम की 3 मिलीलीटर मात्रा या मेटारहिजियम एनीसोप्लिए की 5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से गोल बनाकर के छिड़काव किया जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर 10 से 12 दिनों के अंतराल पर मकडीनाशक बदलकर छिड़काव किया जा सकता है। साथ ही भिंडी में फल एवं कोपलों में छेद करने वाले कीट भी देखने में आ रहा है अतः किसान भाइयों इसके नियंत्रण के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते है। सभी ग्रसित फल एवं कोपलों को एकत्रित करके नष्ट कर देवे। भिंडी में इरविटल्यूर नामक फेरोमोन के 12 ट्रैप प्रति हेक्टेयर की दर से लगावे । बीटी की 1 ग्राम मात्रा या वेवेरिया बेसियाना की 5 से 10 ग्राम मात्रा या क्लोरऐन्ट्रनिलीपरोल 18.5 प्रतिशत एससी की 0.25 मिली लीटर मात्रा या साइपरमैथरीन की 10 प्रतिशत इ.सी. की 1 मिलीलीटर मात्रा या इमामेक्टिन बेंजोएट की 5 प्रतिशत डब्ल्यू जी की 0.3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में गोल बनाकर के छिड़काव करें।अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।
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