नीमच। मध्यप्रदेश के साढे चार लाख पेशनरो को राहत देने कि मांग को लेकर आगामी विधानसभा चुनाव मे इसे मुद्दा बनाएगी, मध्यप्रदेश राष्ट्रीय मजदुर कांग्रेस इंटक ने पुरानी पेंशन बहाली का शुरू से समर्थन किया है।
नीमच जिला राष्ट्रीय मजदुर कांग्रेस इंटक के अध्यक्ष भगत वर्मा ने अपने बयान मे कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार इन पेशंनरो पर कोई ध्यान नही दे रही है। अभी प्रदेश मे इन्हे 33 प्रतिशत की दर से तथा कर्मचारीयो को 38 प्रतिशत से राहत भत्ता दे रही है।
इंटक अध्यक्ष भगत वर्मा ने बताया कि पेशनरो कि राहत मे वृध्दी को लेकर मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ कि सरकार के बीच सहमती की अनिवार्यता का प्रावधान है जिसकी सहमति आज तक नही बन पाई है। महगाई राहत को लेकर पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ पहले ही कह चुके है कि कांग्रेस कि सरकार बनते ही इस प्रावधान को समाप्त किया जाएगा। काफी लंबे समय से पेंशनर्स अपनी मागो को लेकर संघर्ष कर रहे है। जब प्रदेश मे कमलनाथ कि सरकार थी तब इसके लिए सैद्धान्तिक निर्णय भी ले लिया था लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस कि सरकार गिर गई। शिवराज सरकार ने कर्मचारीयो को 38 प्रतिशत महगाई भत्ता देने तथा पेंशनरो को महगाई राहत बढाने का भी निर्णय लिया था जो आज तक पूरा नही हुआ। पेशनरो के साथ लम्बे समय से अन्याय हो रहा है।
वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार को चाहिए की दोनो राज्य कि आपसी सहमती का प्रावधान समाप्त किया जाना चाहिए। प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार बनते ही कांग्रेस इस प्रावधान को समाप्त करेगी। विधान सभा चुनाव मे जो वचन पत्र तैयार होगा इसमे दोनो मागो को प्राथमिकता दी जाएगी।