नीमच। प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे संभावित उम्मीदवार भी उसी दम ख़म से जोर आजमाइश करते जा रहे हैं। प्रदेश में सर्वे जब कांग्रेस के पक्ष में दिख रहे हैं तो विधानसभा उम्मीदवारों की ललक भी बढ़ती जा रही है। नीमच विधानसभा में कांग्रेस से उम्मीदवारों करने वालों की लम्बी लिस्ट है। लेकिन उनमें सबसे ज्यादा मजे हुए खिलाडी दिखते हैं पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल।
1998 के विधानसभा चुनाव में नीमच से 33228 वोटों से जीत का डंका बजाने वाले नंदू भैय्या ने अपने विधान सभा क्षेत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्गी राजा के कार्यकाल में सबसे ज्यादा विकास कार्य करने का तमगा भी हासिल किया था, लेकिन सत्ता विरोधी लहर के कारण पटेल को 2003 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। 2013 में कांग्रेस पार्टी ने फिर से नंदू भैय्या पर अपना दांव खेला, लेकिन यहां भी इन्हें हार का सामना करना पड़ा।
दिग्गी और मीनाक्षी गुट के खास माने जाने वाले नंदू पटेल ने फिर से इस बार नीमच विधानसभा से अपनी दावेदारी ठोंक दी है। दिग्गी राजा को मिली 66 विधानसभा की जिम्मेदारी में नीमच जिले की तीनों विधानसभा सीट भी है। अगर दिग्गी राजा का आशीर्वाद बना रहा तो नीमच विधानसभा से फिर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नंदकिशोर पटेल को देखा जा सकता है।
वैसे अगर संसदीय क्षेत्र की बात की जाए तो नंदू भैय्या सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। जिसके कारण किसानों से सीधा जुड़ाव है। विधायक रहते विकास कार्याे की झड़ी लगाने से पुराने कांग्रेसी आज भी उनसे जुड़े हुए हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पटेल नीमच विधानसभा क्षेत्र का सघन जनसम्पर्क कर रहे हैं। नारी सम्मान योजना और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एकजुटता के नाम पर अपनी दावेदारी भी ठोक रहे हैं।
इसी सन्दर्भ में आज नंदू भैय्या ने पीसीसी चीफ कमलनाथ से भी मुलाकात की और नीमच के राजनीतिक हालातों पर चर्चा की। उनकी ये मुलाकात कमलनाथ के यहां अपने नम्बर बढ़ाने के तर्ज पर देखी जा रही है। वैसे पुराने चावल तो आज भी कहते हैं कि नीमच से अगर सही उम्मीदवार तो नंदू भैय्या ही हो सकते हैं। जो ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहर से भी वोट ला सकते हैं।