नीमच। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एक बड़ा कदम उठा सकती है। जिस प्रकार से पीसीसी चीफ कमलनाथ और दिग्गी राजा ने लगातार निजी सर्वे करवाकर जनता के मन को टटोला है तो इन दोनों कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के सामने विधानसभा उम्मीदवारों की स्थिति साफ़ हो गई है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त के पहले सप्ताह में 66 उम्मीदवारों की सूचि जारी हो सकती है। इन 66 विधानसभा सीटों में मंदसौर संसदीय क्षेत्र की कई सीटें शामिल है।
प्रदेश में इसी साल में होने वाले विधानसभा चुनाव की बिसात पर कांग्रेस एक-एक सीट पर जीत का गणित लगा रही है। राज्य विधानसभा की 230 सीटों में से 66 ऐसी हैं, जो कांग्रेस के लिए लगातार सिरदर्द बनी हुई हैं। यहां से पिछले 5 चुनाव से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है। अब कांग्रेस का केंद्रीय और राज्य का नेतृत्व इन सीटों को जीतने के लिए प्लान-66 पर काम कर रहा है।
वो सीटें, जो दे रहीं टेंशन-
कांग्रेस पार्टी का केंद्रीय और राज्य का नेतृत्व इसी साल नवंबर-दिसम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में लग गई है। पहले चरण में पार्टी का फोकस उन 66 सीटों पर है, जहां पिछले पांच चुनाव में उसे लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है।
इनमें रहली, दतिया, बालाघाट, रीवा, सीधी, नरयावली, भोजपुर, सागर, हरसूद, सोहागपुर, धार, इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच, महू, गुना, शिवपुरी, देवसर, धौहनी, जयसिंहनगर, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, मुड़वारा, जबलपुर कैंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई, शमशाबाद, बैरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, देवास, खातेगांव, बागली, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, धार, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, मंदसौर, मल्हारगढ़, नीमच और जावद सीट प्रमुख हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्लान-66 के लिए कांग्रेस ने एक फाइव पॉइंट प्रोग्राम तय किया है। कांग्रेस पार्टी, भाजपा का गढ़ बन चुकी 66 सीटों पर क्षेत्र में सक्रिय और लोकप्रिय चेहरों का चयन पहले कर रही है, ताकि चुनाव से पहले उन्हें अपने इलाके में पहुंचने का पर्याप्त समय मिल सके। इन सीटों का पर्यवेक्षक भी उन प्रदेश पदाधिकारियों को बनाया गया है, जो वहां पर्याप्त समय दे सकें। यहां जातीय समीकरणों को भी टटोला गया, जिनके सहारे पार्टी को मजबूत स्थिति में लाया जा सके।