नीमच। संसार में रहते हुए व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए कभी-कभी दूसरों को दुख देता है। लेकिन उसे यह पता नहीं होता है कि यही दुख वापस उसे दुखों के रूप में मिलेंगे। यदि मनुष्य संसार में रहते हुए दूसरों को परमार्थ और पुण्य के माध्यम से सुख प्रदान करेगा तो उसे भी वापस सुख ही मिलेगा। इसलिए सदैव दूसरों की भलाई करना चाहिए। किसी को कष्ट नहीं देना चाहिए तभी हमारे जीवन का कल्याण हो सकता है।आज तक कभी किसी डॉक्टर ने दिवाला निकाला है नहीं क्योंकि मनुष्य को यह रोग उसके गलत कर्मों का ही परिणाम के रूप में मिलते हैं।
यह बातश्री जैन श्वेतांबर भीड़भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ नीमच के तत्वावधान में बंधू बेलडी पूज्य आचार्य श्री जिनचंद्र सागरजी मसा के शिष्य रत्न नूतन आचार्य श्री प्रसन्नचंद्र सागरजी मसा ने कही। वे चातुर्मास के उपलक्ष्य में मिडिल स्कूल मैदान के समीप जैन भवन में आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मृत्यु जीवन का शाश्वत सत्य है। व्यक्ति चाहे अमीर हो या गरीब राजा हो या महाराजा सभी को 1 दिन इस संसार से मृत्यु के रूप में अंतिम यात्रा पर जाना होता है। इसलिए सदैव पुण्य परमार्थ के अच्छे कर्म करना चाहिए।जीवन में कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि संसार में हमारा कोई मूल्य नहीं है ।राग द्वेष लेने की वृत्ति या किसी का बिगाड़ने की वृत्ति सब छोड़ना होगा। स्वादिष्ट आहार के स्वाद को छोड़ना होगा तभी मन पवित्र होगा। गर्मी लगे तो पंखा नहीं चलाने का संकल्प लेना चाहिए। तभी तपस्या से ही आत्मा पवित्र होगी। बिजली उत्पादन में अनेक जीवो की हत्या होती है इसलिए बिजली का उपयोग कम से कम करना चाहिए तभी हमारी आत्मा के कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। प्रवचन धर्म सभा में उदयपुर श्री संघ के डॉक्टर शैलेंद्र हिरण ,बही पार्श्वनाथ के प्रकाश गांधी ने चातुर्मास के लिए विनंती की इस अवसर पर उनका श्री संघ पदाधिकारियों द्वारा शाल श्रीफल से सम्मान किया गया।
श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी ने बताया कि धर्मसभा में तपस्वी मुनिराज श्री पावनचंद्र सागरजी मसा एवं पूज्य साध्वीजी श्री चंद्रकला श्रीजी मसा की शिष्या श्री भद्रपूर्णा श्रीजी मसा आदि ठाणा 4 का भी चातुर्मासिक सानिध्य मिला।पूज्य आचार्य भगवंत का आचार्य पदवी के बाद प्रथम चातुर्मास नीमच में हो रहा है। उपवास, एकासना, बियासना, आयम्बिल, तेला, आदि तपस्या के ठाठ लग रहे है। धर्मसभा में जावद ,जीरन, मनासा, नयागांव, जमुनिया,जावी, आदि क्षेत्रों से श्रद्धालु भक्त सहभागी बने।धर्मसभा का संचालन सचिव मनीष कोठारी ने किया।