चित्तौड़गढ़। राजस्थान मृत्युभोज निषेध अधिनियम की पालना यदि जिम्मेदार लोग अभी तक करवाते तो हजारों लोगों की जमीन मकान नही बिकते। गरीब का कर्जदार होकर गरीबी के दलदल में फंसकर जीवन बर्बाद ना होता। जिस मकान पर रहते है, जिस जमीन पर खेती करते है वो बिकती नही। बच्चों को बंधक श्रमिक होने को मजबूर ना होना पड़ता।
उक्त विचार मृत्युभोज छोड़ो अभियान के तहत रखे गए सेमिनार में जिले के वरिष्ठ साहित्यकार व समाज सुधारकर, चिंतक तथा जिला अध्यक्ष भारतीय दलित साहित्य अकादमी मदन सालवी ओजस्वी ने मुख्य अतिथी के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने कहा अभी तेजी से हर तरफ मृत्युभोज रोकथाम के लिए जन जागरण चल रहा है। इस अभियान में अनेकों समाजो से प्रबुद्धजन, समाज सुधारक, समाज सेवी, चिंतक, आदि जुड़ते जा रहे। आयोजक अभियान, कौशल किशोर बिलवाल ने बताया कि पहला दौर जन जागरण का है।
दूसरे दौर में राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम की पालना कड़ाई से होने लगेगी। अध्यक्षता कौशल किशोर बिलवाल व्याख्याता राजनीति विज्ञान ने की। विशिष्ट अतिथि नन्दलाल लाल बासनवाल उदयपुर, शम्भूलाल कोटवाल उदयपुर, नन्दलाल मरमट अमरगढ़ जिला भीलवाड़ा, बालुलाल बिलवाल गंगरार, भंवरलाल बिलवाल गंगरार, सत्यनारायण निन्दरवाल चितौड़गढ़, मांगीलाल मेघवाल भदेसर, कैलाश बौद्ध सतपुड़ा, प्रदीप मेघवाल व इन्दमल मेघवाल कृपारामजी की खेड़ी रहे।
इस आयोजन में भंवरलाल बिलवाल गंगरार, माधवलाल धोबी सुवानिया गंगरार, अजय रजक चितौड़गढ़, देवराज बमणावत चितौड़गढ़, राकेश गोवली चितौड़गढ़, नन्दलाल धोबी चितौड़गढ़, नन्दलाल धोबी अमरगढ़ भीलवाड़ा, प्रदीप मेघवाल निम्बाहेडा, मांगीलाल मेघवाल भदेसर, कैलाश बौद्ध सतपुड़ा, माधवलाल धोबी सुवानिया आदि ने प्रतिज्ञा लेकर मृत्युभोज न करने का संकल्प लिया। वरिष्ठ नागरिक जन की उपस्थिती रही तथा पुरा समर्थन व सानिध्य मिला।
उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाडा आदि जिलों से आये समाज सुधारको ने बताया कि समाज में वास्तविक समाज सुधार कर तथा विकास की सोचने वाले को ही अध्यक्ष आदि पदाधिकारीगण बनाया जाए।
सभी उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने किसी की भी मृत्यु पर जीमण करने का विरोध जताया। शपथ पत्र भर कर दिये गये कि ना तो मृत्युभोज में जाएंगे, ना ही मृत्युभोज, गंगोज का खाना कभी खाएंगे। इस तरह की जागरुकता घर परिवार समाज में प्रदेश में हर तरफ बढ़ाएंगे। कार्यक्रम का संचालन केके बिलवाल द्वारा किया गया।
राज्य स्तरीय इस सेमिनार में भू-अभिलेख निरीक्षक कैलाश बिलवाल, एडवोकेट गोपालकृष्ण बिलवाल, राहुल, रोहित बिलवाल, अशोक कुमार मरमट बुरांस, विष्णु कुमार भोजराज उदयपुर, राकेश रजक चितौड़गढ़, देवराज चित्तौड़गढ़ आदि ने समाज सुधारवादी नारे लगाकर उपस्थिती दी।