नीमच। चीता प्रोजेक्ट में गलत तरीके से हो रही तार फेंसिंग से आक्रोशित मनासा चेनपुरिया ब्लॉक के ग्रामीण बड़ी संख्या में लामबंद होकर जिला कलेक्टर कार्यालय नीमच पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जिला कलेक्टर दिनेश जैन के नाम ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अभयारण्य गांधी सागर और वन विभाग रामपुरा द्वारा संयुक्त रूप से चेनपुरिया ब्लॉक क्षेत्र में अभयारण्य भूमि से अधिक भूमि पर चिता प्रोजेक्ट के नाम पर गलत तरीके से तारफेंसिंग की जा रही है। वन विभाग रामपुरा द्वारा छः कंपाउंड चरनोई हेतु 35, 36,40,41,42, 43 आरक्षित हैं। इन कंपाउंडो को भी नियम विरुद्ध चीता प्रोजेक्ट में शामिल कर गलत तरीके से तारफैंसिंग की जा रही है।तार फेंसिंग से लगभग 22000 गायों के भूखे भरने की नौबत आ गई है।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि तार फेंसिंग के कारण गौ हत्या का पूरा अंदेशा है। तार फेंसिंग के चलते कृषक और गोपालकों के 452 परिवारों की आजीविका खतरे में पड़ गई है। ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर कहा कि गायों पर कोई खतरा मंडराया तो हम मरना पसंद करेंगे। ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि चेनपुरिया ब्लॉक में पेयजल एवं कृषि भूमि की सिंचाई की समस्या होने के कारण गांधी सागर बांध से पानी नहर अथवा पाइपलाइन से उपलब्ध कराया जाए। गांव वासियों ने ज्ञापन में यह भी आवाज उठाई कि चेनपुरिया ब्लॉक में 1961-62 से शासन ने गांधी सागर डूब विस्थापितों को स्थापित किया था। तभी से सभी परिवार कृषि भूमि पर कृषि कार्य और व्यवसाय कर रहे हैं की भूमियों का भू अधिकार पट्टा भी प्रदान किया जाए।
गोपालकों ने कहा कि सरकार का गौ रक्षा का दावा खोखला है। सरकार की कथनी और करनी में अंतर है।ज्ञापन के दौरान करीब 300 ग्रामवासी मौजूद रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सरकार ने नहीं सुनी तो उग्र आंदोलन पर मजबूर होंगे।