नीमच। हर व्यक्ति का चेहरा उम्र के साथ बदल जाता है इसलिए हमें चेहरे के सौंदर्य को नहीं चरित्र को चमकाने का प्रयास करना चाहिए। धार्मिक संस्कारों का पालन करना चाहिए। ब्यूटी पार्लर व सेलुन पर ज्यादा समय लगाने के बजाय उतना समय हम चरित्र निर्माण के चिंतन पर करें। धर्म संस्कारों का पालन संयम, प्राणियों की करुणा पर ध्यान दें तो हमारी आत्मा का कल्याण हो सकता है। यह बात स्पेंटा पेट्रोल पंप के पीछे न्यु इन्द्रा नगर स्थित शनि मंदिर परिसर में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में श्रीमद् भागवत प्रवक्ता पंकज कृष्ण महाराज ने कहीं।
उन्होंने कहा कि सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में छठे दिवस श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण कर रहे थे। महाराज श्री ने श्री कृष्णा बाल लीलाओं के बाद की कथा का श्रवण कराई। भगवान श्री कृष्ण द्वारा कंस का वध और उसके बाद मथुरा में हुए घटनाक्रम का विस्तार से वर्णन कराया। महाराज श्री ने श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि विदर्भ राज्य की राजकुमारी रुक्मणी श्री कृष्ण के वीरता व पराक्रम के कारण ही मन ही मन उनसे प्रेम करने लगी थी लेकिन उसका भाई रुकमी श्री कृष्ण के प्रति बैरभाव रखता था वह अपनी बहन रुक्मणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था। श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुन धर्मालुजन आनंदित हो उठे। वक्षासुर वध संसार को यह संदेश देता है कि यदि मन की सरलता छूट जाएगी तो संसार में सफलता नहीं मिलती है। परमात्मा की प्राप्ति के लिए पूजा पाठ में मन की चंचलता को त्यागना होगा और मन से परमात्मा को समर्पित भाव से याद करना होगा तभी परमात्मा मिल सकते हैं। अघासुर राक्षस का वध यह संदेश देता है कि परमात्मा को प्राप्त करना है तो संसार में रहते हुए प्रमाद को त्याग कर परमात्मा की भक्ति करना होगी तभी सफलता मिल सकती है। कालिया नाग का मर्दन यह शिक्षा मिलती है कि यदि जल सरंक्षण नहीं किया तो संसार में जीवन कठिन हो जाएगा। यदि हमने पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा नहीं कर सकते दूसरों को दान पुण्य कर परमार्थ के पुण्य कर्म करें तभी जीवन में सफलता मिल सकती है। पवित्र भक्ति ही सच्चा सुख दे सकती है संसार सदैव धोखा ही देगा। महाराज श्री ने माखन लीला, गोपी कृष्ण संवाद, शिशुपाल, जरासंध, द्वारिका राजा सहित विभिन्न धार्मिक विषयों पर विचार प्रस्तुत किए। महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह पर झुमे श्रद्धालु-
श्रीमद् भागवत कथा में महाराज श्री में कृष्ण रुक्मणी विवाह का प्रसंग बताया तो मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो आओ मेरी सखीयों मुझे मेहंदी लगा दो. आज मेरे श्याम की शादी है..गीत पर श्रद्धालु झुमे। श्री कृष्ण के स्वरूप ने कथा पंडाल में प्रवेश किया जिन पर श्रद्धालु भक्तों द्वारा पुष्प वर्षा की गई।श्री कृष्ण रुक्मणी बने जोड़े ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई तो पूरा पंडाल जयकारों से गूंज उठा।श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह की झांकी की प्रस्तुति दी जिसमें श्री कृष्ण का अभिनय निशा नागर ने तथा रुक्मणी का अभिनय सुश्री गुंजन शर्मा, सखियां सुश्री हेमा राठौर, दिव्यांशी नागदा ने प्रस्तुत किया।
भागवत में कृष्ण सुदामा प्रसंग-
श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में शनिवार को कृष्ण सुदामा चरित्र प्रसंग हवन यज्ञ के साथ श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम होगा।