उज्जैन। अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग सट्टे में 15 करोड़ कैश जब्त किए गए थे। पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में मुख्य आरोपी पीयूष चोपड़ा को भी गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पता चला है कि आरोपी सट्टे के लिए फ्रीडम, हरसू, हैप्पी और सूरी जैसे कोड नेम उपयोग करते थे। पुलिस इन कोड नेम को डिकोड करने में लगी है। पुलिस ने गूगल, जूम और वॉट्सऐप कंपनी से भी डेटा मांगा है। इधर, मुख्य आरोपी पीयूष चोपड़ा की रिमांड 30 जून तक बढ़ा दी गई है।
घर से 15 करोड़ कैश जब्त, 9 गिरफ्तार
उज्जैन पुलिस ने 14 जून की रात कृष्णा पार्क और मुसद्दीपुरा में बिल्डर पीयूष चोपड़ा के घर छापा मारा। यहां बांग्लादेश-नीदरलैंड के बीच चल रहे टी 20 मुकाबले पर ऑनलाइन सट्टा लगाया जा रहा था। सटोरियों से 15 करोड़ रुपए जब्त किए गए। इनमें 500-500 के नोटों की तीन हजार गड्डियां मिलीं। 7 किलो चांदी और 7 देशों की विदेशी मुद्रा भी मिली। पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया। सभी आरोपी एमपी, राजस्थान और पंजाब के रहने वाले हैं। मुख्य आरोपी पीयूष चोपड़ा ने 16 जून को सरेंडर कर दिया था।
कोड नेम डिकोड करने के लिए कंपनियों को लेटर
पुलिस ने आरोपियों के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, जूम मीटिंग समेत अन्य डेटा बेस निकालने की कोशिश की। पता चला कि सट्टेबाज असली नाम का उपयोग नहीं करते थे। वे कोड नेम से सट्टा लगाते थे। आरोपी फ्रीडम, जॉली, हरसू, हैप्पी, सूरी, मैडमजी जैसे कोड नेम का उपयोग करते थे। पुलिस ने इन कोड नेम का मतलब जानने की कोशिश कर रही है।
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि रिकॉर्डिंग निकाली है। उसकी डिटेल में कई तरह के कोड नेम सामने आए हैं। इनको डिकोड करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए डेटा मांगा गया है। डेटा आने के बाद सायबर की टीम विश्लेषण करेगी। अमेरिका की गूगल, जूम, गोडैडी, और वॉट्सऐप कंपनी से भी जानकारी मांगी गई है।
यूनाइटेड किंगडम और दुबई भी थे सेंटर
जांच में पता चला है कि सट्टेबाजी का मुख्य सेंटर यूके और दुबई थे। यहीं से दुनिया भर के लोग जुड़ते हैं। सट्टेबाजी का काम इंडियन करेंसी में होता था। शुरआती जांच में पता चला है कि 15 बुकी अपना पैसा इस गोरखधंधे में लगाते थे। इनका नेटवर्क अन्य देशों में भी फैला था। दूसरे देशों की पुलिस से भी उज्जैन पुलिस संपर्क कर रही है।
30 जून तक रिमांड पर सरगना पीयूष
गिरफ्तारी के बाद 9 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 20 जून तक की पुलिस रिमांड पर सौंपा। 20 जून को कोर्ट ने रूबल और मयूर की रिमांड 25 तक बढ़ाते हुए बाकी बचे 7 आरोपियों को जेल भेज दिया है। इधर, सरगना पीयूष की रिमांड 27 जून को खत्म हुई। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसकी रिमांड दो दबन और बढ़ाकर 30 जून कर दी है।
जूम मीटिंग से होती थी सट्टेबाजी
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि बुकी जूम मीटिंग के माध्यम से जुड़ते थे। एक बार में एक लाइन पर 50,000 से 25,00,000 रुपए तक का धंधा किया जाता था। धंधा कितना किया जाना है यह पीयूष चोपड़ा अपने साथियों को बताता था। इसके बाद बुकीज को धंधे में उतारते थे। एक मैच में करोड़ों रुपयों की हार-जीत की बाजी लगाई जाती थी।