BREAKING NEWS
KHABAR : नीमच-मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : जैन धर्म का श्रेष्ठतम पर्व पर्युषण.. <<     KHABAR : हरनावदा-चीताखेड़ा झील में स्थित रुणिजा के.. <<     BIG NEWS : मालवा के मंदसौर जिले में स्क्रब टायफस का.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     BIG REPORT : नीमच जिले में शासकीय जमीनों के संरक्षण.. <<     KHABAR : आफ्टर केयर तत्त्वों की व्यवस्था के लिए.. <<     BIG NEWS : राजस्थान की निम्बाहेड़ा थाना पुलिस के.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : कलेक्‍टोरेट सभाकक्ष नीमच में होगी.. <<     KHABAR : हाट मैदान में लगा केमिकल फ्री मेला,.. <<     छतरपुर के देरी रोड पर सूने मकान में चोरी,.. <<     KHABAR : आगामी त्यौहारों को लेकर कुकड़ेश्वर में.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : रतलाम में अभिभाषक संघ के चुनाव, अध्यक्ष पद.. <<     BIG NEWS : महू-नीमच नेशनल हाइवे पर भयानक हादसा,.. <<     KHABAR : विद्यार्थियों को मिली शुद्ध पेयजल की.. <<     मुरैना के शनिदेव मंदिर में शनिश्चरी.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<    
वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन के लिए..
April 28, 2025, 11:44 am
BIG NEWS : इंदौर में शराब कारोबारियों के यहां ईडी के छापे, आबकारी घोटले और फर्जी चालान मामले में एक साथ 18 ठिकानों पर कार्यवाही, पढे़ खबर 

Share On:-

इंदौर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को एक साथ 18 ठिकानों पर छापे मारे हैं। इनमें ज्यादातर शराब कारोबारी हैं। अल सुबह पहुंची ईडी की टीमों ने सर्चिंग शुरू कर दी है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक बसंत बिहार कॉलोनी, तुलसी नगर और महालक्ष्मी नगर में कार्यवाही की है। फर्जी चालान और आबकारी घोटाले को लेकर यह कार्यवाही की जा रही है। यह मामला साल 2018 में सामने आया था। आरोप है कि घोटाले को आबकारी अफसरों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया था। घोटाले का आंकड़ा 100 करोड़ रुपए तक पहुंचने के आसार हैं।


इंदौर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में वर्ष 2015 से 2018 के बीच सरकारी गोदाम से शराब लेने के लिए इस्तेमाल हुए 194 बैंक चालानों में गड़बड़ी सामने आई थी, जिसमें हजारों के बैंक चालानों को लाखों रुपए का बनाकर गोदामों से उतनी शराब उठाकर ठेकेदारों ने अपनी सरकारी शराब दुकान से बेच दी थी। इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय को शिकायत की गई थी। जिसके बाद ईडी ने इस मामले की जांच 2024 में शुरू कर दी थी।


इस संबंध में इंदौर के रावजी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर 172/2017 दर्ज की गई थी। ईडी ने आबकारी विभाग द्वारा की गई आंतरिक जांच के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के संबंध में विवरण उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। इस पत्र में लिखा गया है कि शराब ठेकेदारों से वसूली गई राशि, यदि कोई हो तो उसका विवरण उपलब्ध कराएं।


इसके अलावा शराब ठेकेदारों के बैंक खाते का विवरण भी उपलब्ध कराने और जांच की वर्तमान स्थिति की जानकारी देने को कहा है, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके अलावा, उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध अगर कोई जांच हुई है, तो उसकी आंतरिक जांच रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।


इस मामले में यह हुई थी कार्रवाई
जिला आबकारी कार्यालय इंदौर सहित अन्य जिला आबकारी कार्यालयों में सामने आए इस 42 करोड़ के घोटाले को लेकर 12 अगस्त 2017 को रावजी बाजार पुलिस ने ठेकेदारों सहित 14 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया था। आरोप है कि आबकारी विभाग में इसके पहले तीन साल से फर्जी चालान जमा किए जा रहे थे। आबकारी विभाग के अफसरों को हर 15 दिन में चालान को क्रॉस चेक करना (तौजी मिलान) होना था, लेकिन उन्होंने तीन साल तक ऐसा नहीं किया।


इसकी वजह से उनकी साठगांठ साफ नजर आ रही थी। जिस वक्त यह शराब घोटाला हुआ था, उस वक्त जिला आबकारी कार्यालय में जिला आबकारी अधिकारी के पद पर संजीव दुबे नियुक्त थे। यही वजह रही कि आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त संजीव कुमार दुबे सहित छह अफसरों को निलंबित कर दिया था।


निलंबित अधिकारियों में लसूड़िया आबकारी वेयरहाउस के प्रभारी डीएस सिसोदिया, महू वेयर हाउस के प्रभारी सुखनंदन पाठक, सब इंस्पेक्टर कौशल्या सबवानी, हेड क्लर्क धनराज सिंह परमार और अनमोल गुप्ता के नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा 20 अन्य अधिकारियों के तबादले भी किए थे, जिनमें उपायुक्त विनोद रघुवंशी का नाम भी शामिल था।


चालानों की जांच के बाद भी नतीजा सिफर रहा
शराब घोटाले कि जांच में 11 ऑडिटरों ने एक-एक चालान की जांच की थी। घोटाले के समय से पहले के तीन सालों में इंदौर में शराब दुकानें 2015 में 556 करोड़ में, 2016 में 609 करोड़ में और 2017 में 683 करोड़ में नीलाम हुई थीं। इस तरह 1700 करोड़ के शराब के चालानों की जांच की गई, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा।


इन लोगों को बनाया गया था आरोपी
शराब ठेकेदार एमजी रोड समूह के अविनाश और विजय श्रीवास्तव, जीपीओ चौराहा समूह के राकेश जायसवाल, तोप खाना समूह योगेंद्र जायसवाल, बायपास चौराहा देवगुराड़िया समूह राहुल चौकसे, गवली पलासिया समूह सूर्यप्रकाश अरोरा, गोपाल शिवहरे, लवकुश और प्रदीप जायसवाल।

VOICE OF MP
एडिटर की चुनी हुई ख़बरें आपके लिए
SUBSCRIBE