मनासा। भारतमाता का खुन चुनने वाले दुष्ट का संहार करना ही धर्म है। हमारा राष्ट्र रहेगा तो ही धर्म बचेगा। इसलिए हमें राष्ट्र रक्षा हेतु सदैव तत्पर रहना होगा। उपरोक्त उदगार अवान्तर ज्योर्तिमठ भानपुरा के शंकराचार्य स्वामी श्री ज्ञानानंद तीर्थ ने सनातन सत्संग मंडल के 38 वें सामुहिक श्रीहनुमान चालीसा पाठ के अवसर पर व्यक्त किये।
स्वामीजी ने उद्बोधन में आराध्य श्रीहनुमान जी के जीवन,सेवाकार्य,समर्पण का उल्लेख कर ईष्टदेव श्रीरामजी के कामो का सफलतापूर्वक सूझबूझ से पूरा करने की दक्षता का उल्लेख करते हुए इसी भाव से प्रेरित होकर सनातन समाज को संगठित कर राष्ट्र प्रथम के लक्ष्य को जीवन में धारण करने का आव्हान किया।आपने कहा की जीवन में मृत्यु एकबार ही आती है जिसे हम राष्ट्र व धर्म के प्रति समर्पित होकर अमरत्व को पा सकते है।आचार्य श्री ने हनुमान चालीसा पाठ के इस सामूहिक आयोजन की प्रशंसा करते हुवे कहा की सनातन धर्म को एकता के सूत्र में लाने का एक अच्छा प्रकल्प हे सभी सनातनियों को प्रति मंगलवार इस आयोजन में अपनी भागीदारी दर्ज कराना चाहिए।
सत्संग का प्रारंभ सर्वश्री दिनेश व्यास, बंशीलाल सोनी,राधेश्याम सोनी,जगदीश सोढानी सोनी पहलवान, अर्जुन यजुर्वेदी,सत्यनारायण सोनी,महेन्द्र सोनी,अरविंद सोनी आदि ने हनुमान जीवकी तस्वीर पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण करते हुए किया।
इस अवसर पर राजकुमार मारू,श्रीमती बिन्दु श्याम सोनी,सत्यनारायण सोनी,अरुण झँवर, कमल विजयवर्गीय, निरंजन पाराशर, ओम सोनी आदि ने मधुर भजनो की प्रस्तुति दी।
अगला 39 वां सामुहिक श्रीहनुमान चालीसा पाठ 17जून को रात्रि 8-30बजे श्रीराधाकृष्ण मंदिर, उषागंज पर होगा,जिसमे भाग लेने हेतु सनातन सत्संग मण्डल व्दारा आग्रह किया गया